भावी पीढ़ी के लिये प्रकृति का संरक्षण आवश्यक: डॉ एन के अग्रवाल
आज विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अज्ञात है, लेकिन 28 जुलाई को इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य एक साथ आना और प्रकृति का समर्थन करना है। इसका शोषण करना नहीं है । प्रकृति का संरक्षण प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी के साथ प्रबंधन और उपयोग है। जैसा कि हम जानते हैं कि प्राकृतिक असंतुलन के कारण ही हम कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न बीमारियाँ, प्राकृतिक आपदाएँ, तापमान में वृद्धि इत्यादि। इसलिए अगली पीढ़ी के लिए इसे संरक्षित करना आवश्यक है। दुनिया भर के लोगों में बचत संसाधनों के महत्व को समझने, इसे रीसायकल करने, इसे संरक्षित करने और इसे नुकसान पहुंचाने के परिणामों को समझने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर जीव -जंतु, जंगल, पेड़ -पौधों की रक्षा के लिये, विलुप्त होते जीव जंतु और वनस्पति की रक्षा करने की लिये हमें संकल्पित होना चाहिए। प्रकृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेवारी है। मानव जाति की रक्षा प्रकृति की रक्षा कर की जा सकती है। सनातन धर्म में प्रकृति को माँ का दर्जा दिया गया है।प्रकृति और जीवन का अटूट संबंध है। विभिन्न प्रजाति के जीव जंतु , प्राकृतिक स्रोत और वनस्पति को बचाना हमसबों का धर्म है। स्वस्थ वातावरण , स्वस्थ और स्थाई समाज की कुंजी है। समाज के हर लोगो को प्रकृति के संरक्षण में आगे आना चाहिए। इसके लिये निम्न उपाय करने होंगे। पुनः प्रयोग में आनेवाले सामानों का उपयोग, पानी का कम खपत, बिजली का सीमित उपयोग, पेड़ पौधों का संरक्षण, अपने उपयोग की सब्जियां स्वयं उगाना , कूड़े का खाद बनाना, रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग, प्रदूषण कम करना आदि शामिल है।
“पृथ्वी हर आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर आदमी की लालच नहीं।” – महात्मा गांधी ने भी कहा है।
वर्तमान और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाना आवश्यक है। वनों की कटाई, अवैध वन्यजीव व्यापार, प्रदूषण, प्लास्टिक, रसायन आदि का उपयोग प्रकृति के लिए खतरा हैं। पृथ्वी ने पानी, हवा, मिट्टी, खनिज, पेड़, जानवर, भोजन, आदि जैसे जीने के लिए बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान की हैं, इसलिए हमें चाहिए। प्रकृति को स्वच्छ और स्वस्थ रखें। औद्योगिक विकास और कई अन्य कारक भी प्रकृति की कमी के लिए जिम्मेदार हैं। हम जो कुछ भी करते हैं वह ग्लोब को प्रभावित करता है क्योंकि दुनिया एक है और किसी तरह एक साथ चलना आवश्यक है।
एक स्वस्थ वातावरण एक स्थिर और उत्पादक समाज के लिए एक नींव है। यह दिन वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई को भी सुनिश्चित करता है। प्रकृति का संरक्षण कैसे किया जा सकता है या हम अपनी प्रकृति की रक्षा कैसे कर सकते हैं?
प्रकृति का संरक्षण हमे प्रकृति के लिये, अपने लिए और आनेवाली पीढ़ी के लिये करना ही होगा। इस कार्य मे जितनी देर करेंगे हमे उतना ही पछताना होगा। समय अपने गति से चलता है। हम सब प्रकृति को साथ लेकर अपना और अपनी आनेवाली पीढ़ियों की रक्षा कर सकते हैं।