जिलाधिकारी ने बाढ़ को लेकर ऑनलाइन बैठक की
बाढ़ राहत व बाढ़ निरोधक कार्य लगातार जारी
चलाया जा रहा है 368 सामुदायिक रसोई व 564 नाव एवं 10 मोटरबोट
एनडीआरएफ की टीम लगातार कर रही है रेकी
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व्यक्तियों को कराया जा रहा है भोजन*
*48844 परिवारों को दिया गया पॉलिथीन सीट*
*14470 सूखा फूड पैकेट्स का किया गया वितरण*
दरभंगा, 12 अगस्त 2020, बाढ़ राहत कार्य एवं बाढ़ प्रभावित परिवारों के डाटा पीएफएमएस पर अपलोड करने हेतु भेजने को लेकर सभी अंचलाधिकारियों के साथ जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा ऑनलाइन बैठक की गयी। उन्होंने बहेड़ी, बहादुरपुर, सदर, हनुमाननगर, केवटी, सिंहवाड़ा, घनश्यामपुर, गौड़ाबौराम, बिरौल और बेनीपुर के अंचलाधिकारियों को अतिशीघ्र बचे हुए लाभुकों के डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
हनुमाननगर अंचल को तीन नाव उपलब्ध कराने का निदेश अपर समाहर्त्ता को दिए।
गौरतलब है कि विगत 22 जुलाई से दरभंगा जिला बाढ़ से प्रभावित है तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बाढ़ राहत कार्य एवं बाढ़ निरोधक कार्य चलाए जा रहे हैं। संबंधित अंचलाधिकारी एवं प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन भ्रमण कर चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्य का जायजा लिया जा रहा है। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के राहत कार्य व बाढ़ निरोधक कार्य का अनुश्रवण किया जा रहा है तथा आवश्यकतानुसार संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को मदद कर रही है।
प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार दरभंगा जिला के 18 में से 15 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं,जिनमें दरभंगा सदर, बहादुरपुर, हायाघाट, हनुमाननगर, जाले, सिंहवाड़ा, केवटी, बहेड़ी, बिरौल, बेनीपुर, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर, किरतपुर, कुशेश्वरस्थान एवं कुशेश्वरस्थान पूर्वी के 227 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 181 पंचायत पूर्णतः एवं 46 पंचायत अंशतः बाढ़ प्रभावित हैं। अंचलों से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार बाढ़ से जिले के 1024 गांव के 20 लाख 61 हजार 700 परिवार प्रभावित हुए हैं। प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गावों में पर बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के लिए सामुदायिक रसोई चलाकर भोजन की व्यवस्था कराई गयी है। अभी भी पानी से घिरे 1024 गांवों में 368 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 2 लाख 25 हजार 198 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया जा रहा है। जरूरतमंद लोगों के बीच अस्थायी आश्रय बनाने के लिए पॉलीथिन शीट्स का वितरण करवाया गया है। अभी तक 48 हजार 844 पॉलिथीन शीटस का वितरण करवाया जा चुका है।
पानी से घिरे गांवों में सूखा खाद्य पैकेट का वितरण करवाया जा रहा है। अबतक 14470 सूखा फ़ूड पैकेट का वितरण करवाया गया है एवं अन्य प्रखंडों से जिला भंडार गृह से आवश्यकता अनुरूप पैकेट्स मांगने एवं वितरित करने का निर्देश दिया गया है।
बाढ़ प्रभावित पानी से घिरे गांवों के लोगों के आवागमन की सुविधा एवं राहत कार्यों के लिए 489 निजी एवं 75 सरकारी नाव , कुल 564 नाव चलवाये जा रहे हैं। इसके साथ ही 10 मोटरबोट भी चलवाये जा रहे हैं।
पानी से घिरे गांवों में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 03 टीमें लगायी गयीं हैं, जिनमें 90 व्यक्ति 17 मोटरवोट के साथ तैनात हैं, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार रेकी कर बचाव एवं राहत कार्य कर रहे हैं।
बाढ़ प्रभावित गांवों में 180 स्थलों पर स्वास्थ्य शिविर का संचालन किया जा रहा है, जहाँ लगातार लोगों का उपचार किया जा रहा है। अब तक 14 हजार 800 लोगों का उपचार किया गया है तथा तथा उन्हें निःशुल्क दवा मुहैया कराई गयी है।
पानी को शुद्ध पेयजल बनाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के बीच 01 लाख 20 हजार हैलोजन टेबलेट वितरित किए गए हैं। स्वच्छता बनाये रखने के लिए बाढ़ प्रभावित गांव के नालियों एवं कचड़े वाले स्थलों पर 300 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया है।
पीएचईडी द्वारा नए आश्रय स्थलों पर चापाकल संस्थापित कराए गए हैं, पुराने चापाकलों की मरम्मत कराई गयी है तथा बाढ़ प्रभावित इलाकों के चापाकलों के पानी का विशुद्धिकरण भी कराया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के उपचार एवं उनकी देखभाल के लिए 03 पशु कैप कार्यरत हैं, जिनमें अबतक 550 पशुओं का उपचार किया गया है। लगभग 400 क्विंटल से अधिक पशु चारा का वितरण कराया जा चुका है।
उप निदेशक जन संपर्क,
दरभंगा प्रमंडल, दरभंगा।