सीएम साइंस कॉलेज के ऐतिहासिक आर्यभट्ट छात्रावास के पुनर्निर्माण कार्य की केंद्रीय मंत्री ने रखी आधारशिला
सीएम साइंस कॉलेज केवल दरभंगा और मिथिला ही नहीं, पूरे उत्तर बिहार के प्रमुख कॉलेजों में अग्रणी है। आज इसके ऐतिहासिक आर्यभट्ट छात्रावास का शुभारंभ करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है, क्योंकि इसके बन जाने से न सिर्फ दरभंगा के बल्कि, आसपास के दर्जनों जिलों के छात्र लाभान्वित होंगे।
उक्त बातें केंद्रीय विद्युत एवं नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने शनिवार को सीएम साइंस कॉलेज के ऐतिहासिक आर्यभट्ट छात्रावास के पुनर्निर्माण कार्य का ऑनलाइन शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पावर ग्रिड कारपोरेशन अपने प्रोफेशनल कार्यों के साथ-साथ सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में भी प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है, यह काबिले तारीफ है। अपने संबोधन में उन्होंने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए पावर ग्रिड के अधिकारियों को आर्यभट्ट के नाम पर बन रहे इस छात्रावास का निर्माण ऐसा करने का निदेश दिया जिसे देखकर लोग यह जान सकें कि असल में छात्रावास कैसा होता है।
मौके पर सांसद गोपाल जी ठाकुर ने आज के दिन को संपूर्ण मिथिला के लिए ऐतिहासिक बताते हुए पीजीसीआईएल द्वारा ऐतिहासिक आर्यभट्ट छात्रावास के पुनर्निर्माण कराने की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि करीब 32 वर्षों से क्षतिग्रस्त ऐतिहासिक छात्रावास का पुनर्निर्माण होने से न सिर्फ संपूर्ण बिहार के छात्र लाभान्वित होंगे, बल्कि इस बहाने आर्यभट्ट से जुड़ी धरोहर प्रतिभाओं को भी सहेजा जा सकेगा। अपने संबोधन में उन्होंने संपूर्ण बिहार को लालटेन युग से निकालकर बिजली युग में लाने के लिए ऊर्जा मंत्री का विशेष रूप से धन्यवाद किया।
नगर विधायक संजय सरावगी ने सी एम साइन्स कालेज के ऐतिहासिक छात्रावास के पुनर्निर्माण के लिए ऊर्जा मंत्रालय एवं पीजीसीआईएल के प्रति संपूर्ण मिथिलावासी की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए ऐतिहासिक हराही पोखर की सीएसआर फंड से सौंदर्यीकरण की मांग उठाई। जिसे ऊर्जा मंत्री ने तत्काल स्वीकृति प्रदान कर दी।
मौके पर पीजीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के श्रीकांत ने अतिथियों का स्वागत करते कहा कि पावर ग्रिड के निगमित सामाजिक दायित्व योजना के अंतर्गत करीब साढ़े सात करोड़ की अनुमानित लागत से सीएम साइंस कॉलेज में बनने वाले इस छात्रावास में 150 बिस्तर होंगे। इसके साथ ही पावर ग्रिड सीएसआर योजना के तहत ही साइंस कॉलेज के पार्क का भी विकास करेगा। इस योजना से सीएम साइंस कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों को पर्याप्त आवासीय सुविधा प्रदान करने में तो मदद मिलेगी ही, साथ ही कॉलेज के छात्रों के लिए विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए भी पर्याप्त ढांचागत सुविधा उपलब्ध होगी।
छात्रावास के पुनर्निर्माण कार्य के शुभारंभ होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए प्रधानाचार्य डॉ प्रेम कुमार प्रसाद ने कहा कि इस छात्रावास का निर्माण होने से राज्य के विभिन्न कोनों एवं नेपाल की तराई वाले इलाकों से यहां पढ़ने आने वाले छात्रों को अब आवासीय सुविधा के लिए किसी अन्य जगहों पर नहीं भटकना पड़ेगा। इस कार्य के लिए उन्होंने महाविद्यालय के 1972 बैच के छात्र रहे पीजीसीआईएल के पूर्व सीएमडी इंदु शेखर झा एवं महाविद्यालय के वरीय शिक्षक डाॅ अशोक कुमार झा के प्रति विशेष रूप से आभार जताया, जिनके अथक प्रयास से यह प्रोजेक्ट मूर्त रूप ले सका। वहीं, उन्होंने इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में महाविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों एवं छात्रसंघ के योगदान की भी सराहना की। कार्यक्रम के आयोजन में प्रधान सहायक कृष्ण कुमार चौधरी, आईक्यूएसी सहायक प्रवीण कुमार झा, परीक्षा सहायक उमेश कुमार ठाकुर, लेखा सहायक रोहित कुमार झा, स्थापना सहायक चेतकर झा, शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राधेश्याम झा, जय चंद्र झा, चंद्रकांत चौधरी आदि की उल्लेखनीय सहभागिता रही।