Breaking News

पटना,  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित नवीन योजना हेल्थ बेनिफिट पैकेज 2.0 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार से लागू कर दिया गया। अजित कुमार सिंह की रिपोर्ट

आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ बेनिफिट पैकेज 2.0 लागू

• 867 पैकेजों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के 1574 इलाज की प्रक्रिया निर्धारित
• 53.92 लाख से अधिक योग्य लाभार्थियों को मिल चुका है गोल्डन कार्ड
• 2 लाख से अधिक लोगों का हो चुका है ईलाज

पटना,  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित नवीन योजना हेल्थ बेनिफिट पैकेज 2.0 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार से लागू कर दिया गया है. एचबीपी 2.0 के तहत 867 पैकेजों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के 1574 इलाज की प्रक्रिया निर्धारित की गयी है. एचबीपी 2.0 के तहत अधिकाधिक निजी अस्पतालों को भी योजना से जोड़ा जा सकेगा. इस पैकेज में शामिल विभिन्न बीमारियों के लिए तैयार की गयी 270 पैकेजों की दर में बढ़ोतरी की गयी है. साथ ही इसमें बीमारियों से संबंधित 237 नये पैकेज शामिल किये गये हैं. सर्जिकल पैकेज के तहत अब पांच लाख तक की सर्जरी की व्यवस्था है.

2 लाख से अधिक मरीजों का हुआ इलाज:

अब तक इस योजना के तहत लगभग 2 लाख 7 हजार मरीजों का इलाज किया जा चुका है. लगभग 53.92 लाख से अधिक योग्य लाभार्थियों एवं लगभग 25.02 लाख परिवारों को गोल्डन कार्ड निर्गत किये जा चुके हैं.

569 सरकारी अस्पतालों में मिल रही सेवाएं:

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत बिहार राज्य में 569 सरकारी एवं 264 निजी अस्पतालों में सूचीबद्ध की गयी बीमारियों की इलाज से संबंधित आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं. इन सभी अस्पतालों में बायो आॅथेंटिकेशन के माध्यम से भर्ती एवं डिस्चार्ज करते समय मरीजों का अनिवार्य रूप से प्रमाणीकरण किया जाता है. अब तक इन अस्पतालों को लगभग 144 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है.

कोरोना आपदा के बीच भी सुविधा पहुँचाने का प्रयास:

कोरोना आपदा के बीच सरकार व स्वास्थ्य विभाग आमजनों तक समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से सतत प्रयास कर रही है. इस दिशा में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड का कार्य फिर से बहाल किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक गोल्डन कार्ड के लिए लोगों को संपर्क करने के लिए जागरूक किया गया है. गोल्डन कार्ड बनाने के दौरान कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन भी किया जाना है. इसे बनवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं की मदद से जागरूकता लाते हुए कार्ड बनाने के लिए प्रेरित किया गया है. इस कार्य में पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को भी अपना सहयोग सुनिश्चित करना है. स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से संचालित आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड की मदद से गरीब परिवार को इलाज में बड़े पैमाने पर मदद मिल रही है.

क्या है आयुष्मान भारत योजना:

आयुष्मान भारत योजना गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. इसके तहत अलग अलग बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है. यहां 5 लाख रूपये तक का इलाज किया जा सकता है. ग्रामीण व शहरी इलाके के रहने वाले लोगों के लिए इस योजना के तहत अलग अलग योग्यता रखी गयी है. आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी के इलाज में होने वाले खर्च को सरकार कवर करती है. सभी सरकारी अस्पतालों सहित सूचीबद्ध् किये गये निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा प्राप्त हो सकती है.

Check Also

• आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर जिला में 20 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक चलेगा विशेष अभियान  • 70 वर्ष से ऊपर के लोगों का सिर्फ आधार कार्ड से बनेगा आयुष्मान कार्ड 

🔊 Listen to this आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर जिला में 20 नवम्बर से 10 …