दरभंगा मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं का रखना होगा विशेष ख्याल। अजित कुमार सिंह की रिपोर्ट

मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं का रखना होगा विशेष ख्याल
गर्भावस्था में अधिक थकान, बार बार पेशाब आना, अत्यधिक कमज़ोरी, सिर दर्द हो सकता मधुमेह का लक्षण
कोविड 19 के दौरान अधिक सतर्कता ज़रूरी
ससमय चिकित्सकीय परामर्श से नहीं होगी परेशानी

मधुमेह से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भावस्था अधिक चुनौतीपूर्ण और जटिल होता है। मधुमेह न सिर्फ गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर डालता है बल्कि उनके अजन्मे बच्चे के विकास को भी प्रभावित करता है। मधुमेह की वजह से बच्चे कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। निज़ी क्लीनिक चला रहे डॉ. विनय कुमार ने बताया कि गर्भावस्था का समय हर महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान वे कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों से गुजरती हैं। इस दौरान महिलाओं को अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु का भी ध्यान रखना पड़ता है। डॉ. कुमार ने कहा गर्भावस्था के दौरान तथा जन्म लेने के बाद कुछ जटिलताओं की वजह से नवजात कई घातक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। गर्भावधि में मधुमेह से पीड़ित महिलाओं से जन्मे शिशुओं में एस्फिक्सिया यानि कि ऑक्सीजन की कमी ब्रेन डैमेज होने का एक आम कारण है तथा सेरिब्रल पाल्सी का खतरा अधिक होता है।

मधुमेह ग्रसित महिलाओं को रहना चाहिए अधिक सतर्क:
डॉ. कुमार ने बताया गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। इसलिए नियमित रूप से जांच करवाएं और डॉक्टर के संपर्क में रहें। मधुमेह से ग्रसित गर्भवती महिला को व्यायाम जरूर करना चाहिए, इससे बॉडी हेल्दी रहती है। समय पर उठकर योगा-ध्‍यान और थोड़ी देर टहलना भी गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होगा। गर्भवती महिला को संतुलित भोजन करना चाहिए ताकि बच्चा और मां दोनो स्वस्थ रहें। शुगर या स्टार्च युक्त भोजन करने से परहेज करें। अगर संभव हो तो डायटीशियन से फूड चार्ट बनवा लें और उसी हिसाब से खाना खाएं।

मधुमेह के लक्षण-
यदि किसी को मधुमेह है तो उसके कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ये निम्नलिखित हैं-
पेशाब अधिक बार आना,अत्यधिक प्यास लगना और बहुत अधिक तरल पदार्थ पीना,अस्पष्टीकृत वजन घटाने, थकान (थकान), मनोदशा में बदलाव,त्वचा में संक्रमण या खुजली,मौखिक या योनि थ्रश पेट में दर्द,अत्यधिक भूख कमजोरी,सिरदर्द,धुंधली दृष्टि इस प्रकार का लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरन्त डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

संक्रमण के मद्देनजर साफ- सफाई व सावधानी ज़रूरी
कोरोना संक्रमण के इस दौर में सामान्य लोग भी स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो गए हैं। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे है। व साफ-सफाई को लेकर लोग सचेत हो गए हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं को इस समय खासा ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहले उन्हें नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श कर लेनी चाहिए, ताकि संक्रमण को लेकर कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से दूर रहे। महिलाओं को संक्रमण से बचाव के लिए अत्यंत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की जरूरत है। बाहर निकलने पर चेहरे पर मास्क ज़रूरी है। घर में भी साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने चाहिए। अगर घर में कोई बाहरी मेहमान आवे तो घर के सदस्यों को और भी सतर्क हो जाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को मेहमानों से दूर रहनी चाहिए एवं संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहना चाहिए।

प्रत्येक महीने की 9 वीं तारीख को सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर है जांच की सुविधा:
सरकार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। जिसमें एक है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, जिसके अंतर्गत आशाएं सामुदायिक स्तर पर उच्च जोख़िम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उसे प्रत्येक महीने की 9 वीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ रेफेरल इकाईयों पर प्रसव पूर्व जाँच के लिए ससमय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती हैं. इस अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को बेहतर प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्रदान करने एवं सुरक्षित प्रसव को सुनश्चित करने के लिए उच्च रक्तचाप, वजन की माप, गर्भावस्था के दौरान मधुमेह, यूरिनएल्ब्यूमिन, हीमोग्लोबिन( एनीमिया) एवं ब्लड ग्रुप की जाँच के द्वारा उच्च जोख़िम वाले गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें समुचित ईलाज उपलब्ध कराया जाता है।

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