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मधुबनी अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस विशेष: योद्धा बनकर कोरोना के खिलाफ मुहिम में शामिल हुये बुजुर्ग

अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस विशेष: योद्धा बनकर कोरोना के खिलाफ मुहिम में शामिल हुये बुजुर्ग

• मधुमेह से ग्रसित 65 वर्षीय बुजुर्ग मीना देवी ने कोरोना को दी मात
• अब अन्य लोगों को जागरूक करने में जुटी

लगभग 65 साल की मीना देवी जिले की पहली कोरोना मरीज थी, जिन्होंने कोरोना को मात दिया था. मीना देवी की चर्चा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह बुजुर्ग होने के साथ मधुमेह से पीड़ित भी थी. लेकिन कोरोना उनकी मजबूत इच्छाशक्ति के आगे हार गया. लॉकडाउन के प्रथम चरण में वह दिल्ली से मधुबनी आई. आने के बाद उनका कलुआही के जांच शिविर में कोविड-19 की जांच हुई जहां वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई. इनके साथ इनके परिवार के तीन और लोग कोरोना संक्रमित भी हुए. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी को कोविड केयर सेंटर झंझारपुर में 10 दिनों के लिए रखा गया आज मीना देवी बिल्कुल स्वस्थ है एवं उनकी कहानी समुदाय को कोरोना से लड़ने का हौसला भी दे रही है। मीना देवी कहती हैं किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए आत्मशक्ति का मजबूत होना बहुत जरूरी है। जब उन्हें यह ज्ञात हुआ था कि वह कोरोना संक्रमित हो चुकी हैं, तो उन्हें भी थोड़ा भय हुआ. लेकिन कोविड केयर सेंटर में मिलने वाली सुविधा एवं बेहतर देखभाल को देखकर उनका यह भय भी खत्म हो गया.

1 अक्टूबर को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस:

हर साल 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य संसार के वृद्धों एवं प्रौढ़ों को सम्मान देने के अलावा उनकी वर्तमान समस्याओं के बारे में जनमानस में जागरूकता बढ़ाना भी है. वर्तमान परिस्थितियों यानी कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। सरकार भी बुजुर्गों की कोरोना काल में सुरक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर दिशानिर्देश जारी कर उनका ख्याल रख रही है.

बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की है जरूरत:

कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया 60 वर्ष या उससे ऊपर की आयु के बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से बीमारी और संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। इसके बावजूद वरिष्ठ नागरिक कोविड-19 को मात दे रहे हैं। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं कह सकते की कोविड-19 का ज्यादा असर सिर्फ बुजुर्गो पर ही पड़ा है। यह एक संक्रामक रोग है और इससे कोई भी प्रभावित हो सकता है। इतना जरूर है कि शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता व आत्मबल मजबूत होने से कोरोना से उबरने मे मदद मिलती है। लॉकडाउन से अनलॉक तक सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व सरकारी चिकित्सालयों पर बुजुर्गों के लिए सलाह व हेल्पलाइन नंबर जारी किये गये हैं. विश्वव्यापी महामारी के दौरान युवाओं से अधिक मजबूत मनोबल वृद्धजनों में देखा गया है जिसकी मुख्य वजह नियमित सुबह से उठना, थोड़ा बहुत व्यायाम करना, प्रतिदिन स्नान और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना, समय से सोना और पूरी नींद लेना आदि है।

कोरोना काल में बुजुर्ग ऐसे रखें अपना ख्याल:

• बिना महत्वपूर्ण कार्य के घर से निकलने से बचें
• घर से निकलते वक़्त मास्क जरुर पहनें
• यदि किसी गंभीर रोग से ग्रसित हों तो चिकित्सकीय परामर्श लेते रहें
• हाथों की साफ़-सफाई एवं नए लोगों से सामाजिक दूरी बनाये रखें
• घर में यदि किसी को सर्दी, बुखार या कोरोना के लक्षण हों तो उनसे भी दूरी बनाए रखें
• यदि किसी भी तरह के स्वास्थ्य समस्या हो तो घर के लोगों को तुरंत जानकारी दें।

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