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दरभंगा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए नवजात को प्रिंटेड जोड़ी कपड़ा,तौलिया तथा बेबी सीट का उपहार – संवाददाता अजित कुमार सिंह

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए नवजात को प्रिंटेड जोड़ी कपड़ा,तौलिया तथा बेबी सीट का उपहार

– ग्राामीण इलाकों में दिया जा रहा वीएचएसएनडी पर बल

– मां बनने पर मिलते हैं 5 हजार रुपये

दरभंगा
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं,जिले के सभी स्वास्थ्य इकाइयों में सुरक्षित और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए एनएचएम के अंतर्गत जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना एवं102 निशुल्क एंबुलेंस सेवाओं समेत अनेक योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं, जिसमें जच्चा व बच्चा को सभी सेवाएं मुफ्त मुहैया कराने के साथ संबंधित कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में रेफरल अस्पताल दरभंगा में संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने तथा नवजात शिशुओं को विशेष केयर देने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गयी है, जिसमें अस्पताल में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को अस्पताल के नाम से एक जोड़ी प्रिंटेड कपड़ा तौलिया तथा बेबी सीट दिया जा रहा है। बेशक यह प्रयास छोटा है पर लाभार्थियों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

ग्राामीण इलाकों में दिया जा रहा वीएचएसएनडी पर बल :

डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने बताया ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जाता रहा है। इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमता वर्धन भी किया गया है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को भी इसको लेकर विशेष निर्देश दिये गए हैं। संस्थागत प्रसव कराने से शिशुओं के साथ माताएं भी सुरक्षित रहती है। इसके माध्यम से जिले में पूर्व की अपेक्षा मातृ-शिशु मृत्यु दर बहुत कम हुआ है। अभी गृहभ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता और एएनएम लगातार गर्भवती माताओं को प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं.

मांबनने पर मिलते हैं 5 हजार रुपये :
डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने बताया संस्थागत प्रसव के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना के तहत प्रथम बार मां बनने वाली माताओं को 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है जो सीधे गर्भवती महिलाओं के खाते में पहुँचती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को तीन किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त 1000 रुपये की तब दी जाती है जब गर्भवती महिला अपना पंजीकरण कराती है। दूसरी किस्त में 2000 रुपये गर्भवती महिला को छः माह बाद होने प्रसव पूर्व जांच के उपरान्त दी जाती है। तीसरी और अंतिम किस्त में 2000 रुपये बच्चे के जन्म पंजीकरण के उपरांत व प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दिया जाता है।

कोरोना काल में गर्भवती रखें ख्याल:

– जहाँ तक संभव हो बिना कार्य के घर से निकलने पर परहेज करें
– यदि घर से निकलना जरूरी हो तो मास्क का प्रयोग जरूर करें
– भीड़-भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचें
– लोगों से 6 फीट की दूरी बनाए रखें
– प्रसव पूर्व तैयारियों पर ध्यान दें एवं प्रसव के लिए साथ जाने वाले लोगों का पहले से चुनाव कर रखें

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