विद्यापति समारोह में सृष्टि के कलाकारों ने प्रस्तुत की विद्यापति गीत पर नृत्य नाटिका एवं झिझिया,छठ, सामा चकेबा नृत्य की भावपूर्ण प्रस्तुति।

विद्यापति समारोह में सृष्टि के कलाकारों ने प्रस्तुत की विद्यापति गीत पर नृत्य नाटिका एवं झिझिया,छठ, सामा चकेबा नृत्य की भावपूर्ण प्रस्तुति
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सृष्टि

एडिटर अजित कुमार सिंह DN 24 LIVE

फाउंडेशन के सुबोध दास ने उदय नारायण झा द्वारा गाया गीत उगना उगना रटते रटते …. विद्यापति की भूमिका मे नृत्य प्रस्तुत किया। इस नृत्य के माध्यम से भगवान शिव जब विद्यापति को छोड़ कर चले गए है, तब महादेव भक्त विद्यापति व्याकुल हो कर इस गीत को गाते हैं । इसको सुबोध ने विद्यापति का रूप धारण किये हुये अपने व्याकुल भाव से इस नृत्य को प्रस्तूत किया। जो अत्यंत ही मनोहारी रहा।
इस नृत्य के बाद सृष्टि फाऊंडेशन के
कलाकारों ने शक्ति उपासना की महिमा का बखान करते मिथिला के पारंपरिक लोकनृत्य झिझिया पर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति देते हुए इसमें निहित पारंपरिक भाव को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। तत्पशात लोक आस्था का महापर्व छठ की प्रस्तुती हुई जिसमे मिथिला मिथिला पेन्टिंग से सजी दग्ड़ा एंव शूप इत्यादि काफी मनोहारी था।
अन्त मे सामा चकेवा की प्रस्तुती हुई जिसमे मिथिला की सभ्यता, संस्कृति व संस्कार का बेमिसाल नमूना पेश करते हुये इस पर्व में हमारी लोक संस्कृति की पूर्ण झलक को दर्शाते हुये नृत्य की प्रस्तुती हुई। मिथिला में भाई बहनों के अटूट स्नेह व प्रेम के प्रतीक के रूप में सामा चकेवा पर्व को अपने ग्रुप नृत्य के माध्यम से बाखुबी प्रस्तूत किया। इस नृत्य को जयप्रकाश पाठक के निर्देशन मे सुमन कुमारी, पल्लवी कुमारी, निशा सिंह ( मूक बधिर, जो ना बोलती हैं और ना सुन सकती है) एंव नन्दनी , सत्यम झा, सुबोध दास ने अपनी प्रस्तुती दी।

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