सर्दियों में सर्दी, खांसी व बुखार होने पर स्तनपान कराने वाली महिलाएं रखे सतर्कता
-स्तनपान
कराने से पूर्व डॉक्टर से लें सलाह
-चिकित्सकीय परामर्श से सामान्य सर्दी व जुकाम होने पर बच्चों को करा सकती स्तनपान
दरभंगा, मौसम परिवर्तित होने के बाद सर्दी खांसी होना लाजिमी है। ऐसे में लोगों की दिनचर्या बदल जाती है। इस परिस्थिति में नवजात शिशु की मां को भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इस सर्दी व कोरोना संक्रमण के दौरान स्तनपान करने वाली मां को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस दौरान किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
सामान्य सर्दी और जुकाम है तो स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए-
इस मौसम में किसी मां को अगर सर्दी-जुकाम हो जाए तो वह स्तनपान यह सोच कर नहीं कराती हैं कि कहीं बच्चे को भी न जुकाम हो जाए। इस संबंध में डॉ विनय ने बताया कि स्तनपान के दौरान अगर मां बीमार है तो स्तनपान नहीं कराती हैं। ये बहुत बड़ी गलतफहमी है। अगर मां को सामान्य सर्दी और जुकाम है तो स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए। बल्कि कुछ सावधानियों के साथ स्तनपान कराना चाहिए। रुमाल और मास्क लगा कर करा सकती हैं स्तनपान। ये बेहतर होगा कि तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। उसके बाद ही स्तनपान करना ठीक होगा।
सर्दी-जुकाम के दौरान रखें इन बातों का ध्यान,-
साफ-सफाई का रखें ध्यान-
डॉ कुमार ने बताया कि सर्दी-जुकाम एक संक्रामक बीमारी है। इसलिए इसमें साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ साबुन से धो लें। ताकि बच्चे को भी इंफेक्शन न हो। साथ ही बच्चे के बिस्तर से दूर रहने की कोशिश करें। बच्चे की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
बच्चे को चूमे नहीं –
बच्चों को दुलारने के लिए अक्सर आप उनके गालों या माथे पर चूम लेती हैं। लेकिन, सर्दी-जुकाम के वक्त आप ऐसा कतई न करें। बच्चे के करीब आप जाएंगी तो फ्लू के वायरस से बच्चा संक्रमित हो सकता है।
रुमाल हमेशा रखें पास-
सर्दी-जुकाम या बुखार में अपने पास एक रुमाल हमेशा रखें। ताकि, जब भी आपको छींक या खांसी आए तो रुमाल को आप अपने मुंह पर रख सकें । इससे बच्चा संक्रमित होने से बच जाएगा। क्योंकि फ्लू के वायरस नाक और मुंह के जरिए ही शरीर में प्रवेश करते और संक्रमित करते हैं।
कब नहीं करा सकती हैं बच्चे को स्तनपान-
डॉ. विनय के अनुसार मां कुछ अन्य बीमारियों में स्तनपान नहीं करा सकती हैं। अगर मां एचआईवी या टीबी की दवाएं ले रही हैं तो वह बच्चे को सीधे स्तनपान नहीं करा सकती हैं। ऐसे में दूध को स्तनों से बाहर निकाल कर चम्मच के जरिए बच्चे को देना चाहिए। अगर मां को थायरॉयड या घेघा की दिक्कत है तो भी बच्चे को दूध नहीं पिलानी चाहिए। थायरॉयड और हाइपोथायरॉयड में अक्सर महिलाएं भ्रमित हो जाती हैं। हाइपोथायरॉयड से ग्रसित मां दवाएं लेते हुए बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं । डॉ विनय ने कहा कि जुकाम में जागरूकता ही इलाज है। अगर मां जागरूक रहेंगी तो बच्चे को किसी भी तरह से फ्लू का संक्रमण नहीं होगा। स्तनपान कराती रहें और अगर किसी भी तरह की समस्या हो तो पहले ही डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सेवा का उठावें लाभ-
मौसम में परिवर्तन के बाद अगर सर्दी व बुखार हो जाए तो निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं। वहां 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध है। किसी प्रकार की शारीरिक समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। उसके उपरांत ही कोई दवा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है। ऐसे में किसी दुकानदार से दवा लेना उचित नहीं है। उसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। खासकर नवजात की मां को विशेष सतर्कता बरतनी जरूरी है। ताकि बच्चों को किसी प्रकार की शारिरिक समस्या से बचाया जा सके।
कोरोना से करें बचाव-
-हमेशा मास्क पहनें
-साथ मे सैनिटाइजर रखें
-लोगों से दो गज की उचित सामाजिक दूरी बनायें
-सदैव कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें
-सन्देह होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें।