पुरुष नसबंदी को लेकर दिखी उक्सुकता, पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के तहत 6 पुरुषों ने कराई नसबंदी
•पुरुष नसबंदी अधिक सुरक्षित व सरल है- सिविल सर्जन
• जिले में 23 नवम्बर से 6 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का किया गया आयोजन
• नसबंदी कराने पर 3000 रू मिलता है प्रोत्साहन राशि
मधुबनी
जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 23 नवंबर से 6 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा आयोजित किया गया। इस पखवाड़ा के तहत लोगों में पुरुष नसबंदी को लेकर उक्सुकता दिखी, जिसमें 6 पुरुषों ने नसबंदी कराई। वहीं नसबंदी पखवाड़े को लेकर सामुदायिक कार्यक्रम से प्रेरित होकर कई लोगों ने नसबंदी कराने के लिए सहमति प्रदान की है। इन लोगों की नसबंदी आने वाले दिनों में की जाएगी। पुरूष नसबंदी पखवाड़े के दौरान ग्रामीणों के बीच समूह चर्चा के माध्यम से पुरुष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों और मिथकों को भी दूर किया गया। पुरूष नसबंदी परिवार नियोजन के स्थाई साधनों में से एक है। पखबाड़े के दौरान लोगों को नसबंदी के बारे में जागरूक करने के लिए पहले नसबंदी करा चुके पुरुष भी आगे आकर अपने अनुभव लोगों से साझा किया। पहले नसबंदी की सेवा ले चुके ग्रामीणों ने अपने अनुभव साझा कर नसबंदी के प्रति फैले भ्रम को गलत बताया।
योग्य दंपति को दिया गया परिवार नियोजन की जानकारी:
पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले योग दंपती को गर्भनिरोधक के संबंध में परामर्श देते हुए इच्छित गर्भ निरोधक साधन अथवा सेवा इच्छा अनुसार उपलब्ध कराया गया। पखवाड़े के दौरान आशा द्वारा कंडोम गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण किया गया। लाभार्थी को बार-बार केंद्रों पर आने एवं बार-बार संपर्क से बचने के लिए कंडोम और गर्भनिरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट आपूर्ति दी गई।
अधिक सरल है पुरुष नसबंदी:
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है। यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल है। इसके लिए न्यूनतम संसाधन, बुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है।
दो चरणों में पूरा हुआ पखवाड़ा:
एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार ने बताया जिले में दो चरणों में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा आयोजित किया गया। 23 से 29 नवंबर तक मोबिलाइजेशन तथा 30 से 6 दिसंबर तक सेवा प्रदान किया गया। मोबिलाइजेशन के दौरान आशा कार्यकर्ता वालंटियर योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए जागरूक किया तथा परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिसके बाद दूसरे चरण में इच्छुक दंपतियों को इच्छा अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं उपलब्ध कराई गई।
नसबंदी कराने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि:
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को सरकार द्वारा 3000 रू एवं उत्प्रेरक को 400 रू मिलता है वहीं प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 तथा उत्प्रेरक को 400 रू, रू.,पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000, एएनएम को 150 आशा 150, का प्रोत्साहन राशि दिया जाता है।