जिले में जल्द होगा पोषण पुनर्वास केंद्र का फिर से संचालन
• गंभीर कुपोषित बच्चों की निगरानी व होता है इलाज
• आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर करती है कुपोषित बच्चों की पहचान
• कुपोषित बच्चों के बेहतर उपचार के लिए संचालित किया जाता है पोषण पुनर्वास केंद्र
कुपोषित बच्चों को बेहतर देखभाल प्रदान करने के लिए बच्चों को 14 दिन से 1 माह तक की बेहतर देखभाल एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवा प्रदान कर स्वस्थ समाज निर्माण में पोषण पुनर्वास केंद्र का अहम योगदान होता है अति-कुपोषित बच्चों के लिए यह संजीवीनी साबित माना जाता है। वर्तमान में जिला में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र कोविड संक्रमण के चलते 3 महीने से बंद है सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया दिसंबर माह के अंत तक पोषण पुनर्वास केंद्र का पुनः संचालन किया जाएगा। संचालन के लिए विभाग से दिशा निर्देश मांगा गया है।
आंगनबाड़ी सेविका कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर करती है रेफर:
आंगनबाड़ी सेविका अपने पोषक क्षेत्र में आने वाले सभी लाभार्थियों में से अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें आवश्यक सेवाएं देने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रेफर करती है। जहां वृद्धि निगरानी के क्रम में बच्चों का वजन, लंबाई एवं ऊंचाई वजन लिए जाने के दौरान अति गंभीर कुपोषित के श्रेणी में आए बच्चों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र एवं पोषण पुनर्वास केंद्र में रेफर किया जाता है एवं उसकी निगरानी भी की जाती है।
कुपोषण के दर में प्रतिवर्ष 2% की कमी लाने का लक्ष्य:
सरकार द्वारा बच्चों में अल्प वजन, बौनापन एवं दुबलापन की दर में कमी लाई जानी है। योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा आईसीडीएस विभाग द्वारा समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के कुपोषण दर में प्रतिवर्ष दो फीसद लाने की दिशा में संयुक्त प्रयास किया जाता है।
15 प्रतिशत वजन में इजाफा करना पोषण पुनर्वास के लक्ष्य:
सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चे को 14 दिनों के लिए रखा जाता है। डाक्टर की सलाह के मुताबिक ही डाइट दी जाती है। अगर यहां रखा गया कोई बच्चा 14 दिन में कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाता है तो वैसे बच्चों को एक माह तक भी यहां रखे जाने का प्रावधान है। भर्ती हुए बच्चे के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही यहाँ से डिस्चार्ज किया जाता है।
एनआरसी में बच्चे की भर्ती के मानक:
बच्चे को एनआरसी में भर्ती करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। 6 माह से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी लंबाई के आधार पर वजन-3 एसडी (स्टैंडर्ड डेविएशन) से कम हो, बच्चे की मिड अपरआर्म का माप 11.5 सेंटीमीटर से कम हो या दोनों पैरों में पिटिंग एडीमा होने पर उन्हें यहाँ भर्ती किया जाता है।
माताओं को मिलता है दैनिक भत्ता:
बच्चे के साथ एनआरसी में रह रही माँ या अभिभावक को दैनिक भत्ते के रूप में प्रतिदिन 150 रूपये दिए जाते हैं। साथ ही दोनों टाइम का खाना भी मिलता है। इलाज के बाद फालोअप के लिए पुनः बच्चे को लाने पर भी दैनिक भत्ता देने का प्रावधान है.
पोषण पुनर्वास केंद्र पर दी जाने वाली सेवाएं :
•रेफर किए गए बच्चों की पुन:जांच कर अति-कुपोषित की पहचान करना
•बच्चे के पोषण का ख़्याल रखना
•बच्चों के पोषण पर अभिभावकों को सलाह प्रदान करना
•भर्ती किए गये कुपोषित बच्चों की 24 घंटे उचित देखभाल करना
•पोषण पुनर्वास केंद्र में डिस्चार्ज के बाद हर 15 दिन में 2 माह तक 4 बार फॉलोअप करना