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मधुबनी मजबूत इच्छाशक्ति और बुलंद हौसले से लेखपाल मनीष ने दी कोविड-19 को मात • अजित कुमार सिंह DN 24 LIVE

मजबूत इच्छाशक्ति और बुलंद हौसले से लेखपाल मनीष ने दी कोविड-19 को मात

• स्वस्थ होने के साथ ही दुगुनी ताकत के साथ पुनः अपने कार्य पर लौटे
• सदर अस्पताल में लेखापाल के पद पर हैं तैनात

 

मधुबनी  कोरोना संक्रमण के दौर में कई लोग संक्रमण की चपेट में आए. लेकिन अपने कर्तव्य और मानव जीवन की रक्षा के लिए कई लोग वैश्विक महामारी के दौर में संक्रमित होने के बाद अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं. ऐसे ही सदर अस्पताल में लेखापाल के पद पर हैं कार्यरत मनीष कुमार जिन्होंने कोविड-19 के दौर में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी पूरा किया और कभी अपने कार्य से पीछे नहीं हटे।

यह राह उनके लिए आसान नहीं थी. मनीष ने बताया जब वह संक्रमित हुए तो उनके घर के आस-पास के लोगों ने उनके परिवार से दूरी बना ली. यहां तक कि उनके बच्चे जब आसपास की दुकानों पर जाते थे तो दुकानदार ने भी उन्हें आने से मना कर दिया। किन्तु, वह घबराए नहीं, बल्कि बुलंद हौसले और मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर कोविड-19 को भी मात देने में सफल रहे।

स्वस्थ होने के साथ ही दुगुनी ताकत के साथ पुनः अपने कार्य पर लौटे :

मनीष को अब दूसरों को स्वयं का अपना उदाहरण देते हुए प्रेरित करते है। सेवा के भाव और स्वस्थ होने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर इन्होंने सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही कि इस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद व्यक्ति को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. अगर व्यक्ति में आत्मविश्वास और किसी भी कठिनाई से लड़ने का जज्बा हो तो वह बड़े से बड़े जंग को जीत सकता है। उन्होंने जोर देते हुए बताया कि परिजनों का साथ इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी होता है. इससे संक्रमित व्यक्ति को मानसिक मजबूती मिलती है। इससे ही बहुत सी समस्याओं का हल हो जाता है। मनीष संक्रमित होने के बाद कोविड केयर सेंटर में आइसोलेट हो गए थे. उन्होंने जरूरी इलाज के साथ मजबूत इच्छाशक्ति और बुलंद हौसले से कोविड-19 को मात दी। स्वस्थ होने के बाद वह तुरंत पुनः अपने कार्य पर लौटे और फिर से दुगुनी ताकत के साथ कार्य कर रहे हैं।

लक्षण दिखते हीं कराएं इलाज, चिकित्सा परामर्श का करें पालन :

मनीष ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 का लक्षण दिखते हीं तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा दी गयी चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। समय पर इलाज शुरू होने से बहुत जल्द स्वस्थ होने में काफी सहयोग मिलता है। वहीं आसानी से कोविड-19 को मात दिया जा सकता है।

उपचाराधीन मरीजों से न करें भेदभाव व तिरस्कार:

कोरोना महामारी से समाज में फैल रहे सामाजिक दूरी और मानसिक दूरी को लेकर सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने कहा कि कोरोना बीमारी में हमें सिर्फ शारीरिक दूरी ही बनाए रखना है. चाहे व्यक्ति कोरोना उपचाराधीन हो या ना हो। उन्होंने कहा कि जो कोरोना से ग्रसित व्यक्ति स्वस्थ होकर आम जिदगी जी रहे हैं। उनसे मानसिक दूरी न बनाकर उनका हौसला बढ़ाएं क्योंकि कोरोना महामारी से स्वस्थ होने में इनलोगों ने मजबूत इच्छाशक्ति और संबल का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है लोगों को जागरूक करने करें कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों से मानसिक दूरी न बनाएं। हम सभी का दायित्व बनता है कि ठीक हो चुके कोरोना मरीजों के साथ पहले जैसा ही मित्रवत व्यवहार करें।

इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :

• दो गज की शारीरिक-दूरी का हमेशा पालन करें।
• मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
• भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
• मुँह, नाक, कान छूने से बचें।
• सफर के दौरान हमेशा सैनिटाइजर पास में रखें।
• बाहर में लोगों से बातचीत के दौरान आवश्यक दूरी का ख्याल रखें.

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