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मधुबनी 98 फीसदी बच्चों को पिलाई गई विटामिन-ए की खुराक –

98 फीसदी बच्चों को पिलाई गई विटामिन-ए की खुराक

– पांच प्रखंड में 100% बच्चों को पिलाई गई खुराक
– विटामिन- ए से बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

Dn 24 live अजित कुमार सिंह

मधुबनी जिले में चलाए गए चार दिवसीय विटामिन-ए अभियान में 98% बच्चों को विटामिन- ए की खुराक पिलाई गई. । यह प्रतिशत जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्राप्त किया गया है। इसमें 5 प्रखंडों में 100% बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलायी गयी। वहीं अन्य प्रखंडों में भी काफी बेहद बढ़िया परिणाम मिला है। मिली जानकारी के अनुसार जिले में 9 माह से 5 वर्ष तक के 6 लाख 6 हजार 64 बच्चों को विटामिन- ए की खुराक देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके लिए 23 से 26 दिसंबर तक चलाए गए. सघन अभियान में 5 लाख 91 हजार 702 बच्चों को खुराक पिलाई गई। इन बच्चों में 9 माह से 1 वर्ष के कुल 35 हजार 392 बच्चे, वहीं 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के 5 लाख 56 हजार 310 बच्चे शामिल हैं. ।

खुराक पिलाने में कोविड प्रोटोकॉल का रखा गया था ध्यान:

विदित हो की इस बार बच्चों को अपने घर के से चम्मच में ही खुराक पिलाई गई थी। कोरोना संक्रमण के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा केवल दवा उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन खुराक लेने के लिए चम्मच नहीं उपलब्ध कराई गई थी. । चम्मच लाभार्थी को अपने घर से ही लानी थी. ।

इन प्रखंडों में हुआ लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा:

विटामिन- ए की खुराक अभियान के तहत बासोपट्टी में 100%, जयनगर में 100%, झंझारपुर में 102%, खुटौना/ लौकहा में 100%, मधुबनी शहरी अर्बन में 100% बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई गई। वहीं वही अंधराठाढ़ी में 99%, बाबूबरही में 98%, बेनीपट्टी में 96%, घोघरडीहा में 97%, विस्फी में 97%, हरलाखी में 98%, कलुआही में 96%, खजौली में 97%, लदनिया में 99%, लखनौर में 97%, लौकही में 96%, मधेपुर में 97%, मधवापुर में 98%, पंडौल में 98%, फुलपरास में 97% राजनगर में 95% तथा रहिका में 94% बच्चों को विटामिन- ए की खुराक पिलाई गई।

क्या है विटामिन ए खुराक:

प्रत्येक 6 माह में विटामिन- ए टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है। विटामिन ए शिशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं। विटामिन-ए की कमी शरीर के सभी अंगों के लिए नुकसानदेह है, पर इसका प्रभाव केवल आंखों पर ही परिलक्षित होता है। इसे खत्म करने के लिए शिशुओं को विटामिन- ए की खुराक देना जरूरी है। इससे उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अभियान के द्वारा सभी बच्चों को उनमें विटामिन- ए की कमी को दूर किया जाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

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