टीबी पर जागरूकता के लिए मदरसा में सामुदायिक बैठक का अयोजन
जिले में जन आंदोलन के रूप में चलाया जा रहा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम
केयर इण्डिया कर रहा है सहयोग
जिले के सभी प्रखंड में चलाया जा रहा है जागरूकता रथ
मधुबनी टीबी जागरूकता कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं मदरसा के शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवी की एक बैठक शहरी क्षेत्र के मदरसा इस्लाहुल मोमिन राधे नगर भौआरा में आयोजित हुई । जिसमें टीबी हारेगा देश जीतेगा जन जागरूकता कार्यक्रम को लेकर चर्चा की गयी | इस दौरान टीबी रोगियों को जागरूक करने, टीबी रोगियों की देय सुविधा एवं टीबी रोगियों के पोषण सहायक राशि संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक अमरूद्दीन अंसारी ने टीबी के लक्षण बताये । उन्होंने बताया कि टीबी के जीवाणु हवा द्वारा फैलते है। फेफड़ों के टीबी बाले रोगी जब खांसते अथवा छींकते हैं तो रोग के जीवाणु छोटे कण के रूप में हवा में फैल जाते हैं । यदि कमरा हवादार न हो तो सांस द्वारा अंदर चला जाता है। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि इस प्रकार के कायर्क्रमों का आयोजन का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी के प्रति लोगों में फैली अफवाहों, गलत धारणों से मुक्त करते हुए उन्हें टीबी के इलाज के लिए जागरूक एवं सरकार द्वारा निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करवाना है। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए सरकारी, गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियो से भी सहयोग लिये जाने के उद्देश्य आज के उन्मुखीकरण बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी शामिल किया किया गया है। बैठक के दौरान केयर इण्डिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि टीबी उन्मूलन कायर्क्रम में यह नारा दिया गया कि हर बिहारी का है सपना, टीबी मुक्त हो बिहार अपना। बैठक के दौरान हस्ताक्षर अभियान का भी आरंभ किया गया। बैठक में वैसे लोग जो टीबी से ठीक हो चुके को भी बुलाया गया था, जिनके माध्यम से लोगों को यह बतलाया गया कि टीबी एक पूणर्तः ठीक हो जाने वाली बीमारी है, इसे छिपाने की नहीं बल्कि इसके बारे में जागरूक होकर इलाज करवाने की है। ठीक हो चुके मरीजों ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर दी जा रही दवाइयों से वे अब पूर्णतः ठीक हो चुके हैं।
सभी प्रखंडों में चलाया जा रहा है जागरूकता रथ:
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.आर के सिंह ने बताया जिले में मार्च माह जिले के सभी प्रखंडों में टीबी उन्मूलन के लिए जन-आंदोलन के रूप में मनाया जा रहा है। जिले में केयर इंडिया एवं एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के सहयोग से सभी प्रखंडों में जागरूकता रथ चलाया जा रहा है। जो रूट चार्ट के अनुसार गांव-गांव घूमकर लोगों को टीबी के संभावित लक्षण एवं उपचार से संबंधित जानकारी दे रहा है। उन्होंने बताया केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज:
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ आरके सिंह ने बताया जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है। जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना
इस मौके पर केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, डीपीसी पंकज कुमार, अनिल कुमार,डीएफआइटी संस्था के समन्वयक प्रदीप कुमार, जीत प्रोजेक्ट के आलोक कुमार, एसटीएस भुवन नारायण कंठ, एसटीएलएस अमरूउद्दीन अंसारी, प्रधान मौलवी मौलाना जलालुद्दीन,वरीय मौलवी अबुल सैर अंसारी, तुलरेज अंसारी, अब्दुल्लाह अंसारी, मुफ्ती इमदादुल्लाह आदि उपस्थित थे।