ई-टेलीमेडिसीन से मधुबनी जिले में 605 लोगों का हुआ इलाज
– जिले में 15 पीएचसी को हब और 36 एचएससी को स्पोक से मरीजों को मिल रही चिकित्सीय परामर्श
– सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को मिल रहा विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श
– सीएम ने किया था योजना का उदघाटन
मधुबनी जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अब बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध हो रही है | इस मकसद से गत 21 फरवरी को सूबे के मुख्यमंत्री ने ई-टेलीमेडिसिन सेवा का उद्घाटन किया था। इस नए टेक्नोलॉजी के जरिए अब तक जिले में 605 लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। विदित हो कि जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। इस सुविधा के लिए जिले के 15 पीएचसी हब एव 36 एचएससी (उप स्वास्थ केंद्र) को स्पोक बनाया गया। जिससे मरीजों को चिकित्सीय सलाह दी जा रही है। ई- टेलीमेडिसिन एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही है। जिले के प्रत्येक संस्थानों को प्रतिदिन कम से कम 2 लोगों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह सुविधा सप्ताह में 3 दिन सोमवार, गुरुवार और शनिवार को दी जा रही है।
सामान्य बीमारियों का चिकित्सक दे रहे निःशुल्क परामर्श:
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया इस सुविधा के जरिये सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार, खांसी, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा संबंधी बीमारी, संक्रामक रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, एवं कैंसर आदि के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन के जरिये चिकित्सक व विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि मरीज के पास एंड्राइड -स्मार्ट फोन है तो वह ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ को इंस्टाल करके या फिर ‘ई-संजीवनी डॉट इन’ पोर्टल पर जाकर सुविधा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली पर संबंधित एएनएम एवं चिकित्सा पदाधिकारियों का प्रशिक्षण डेमो एप पर कराया गया है।
हब एंड स्कोप प्रणाली से काम करती है टेली मेडिसिन सुविधा:
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया ई- संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत हब एवं स्पोक प्रणाली के रूप में कार्यरत है। जिसमें मरीज पहले एएनएम के पास कॉल करेंगे। फिर एएनएम मरीज की सभी जानकारी लेकर उसे डॉक्टर के पास फारर्वड करेंगी। जिसमें पाली बार विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध होंगे। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मरीज टेलीफोन पर ही चिकित्सा से संबंधित परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉ निक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के साथ हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
रियल टाइम सहायता ले सकते हैं मरीज:
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब घर बैठे ही बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों से इलाज करा सकेंगे। मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के किए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही है।