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सात निश्चय योजना-2 के तहत आरबीएसके टीम के द्वारा चिन्हित बच्चों का ‘बाल हृदय योजना’ के अंतर्गत सफ़ल ईलाज कराकर लौटा बच्चों का पहला दल

 

सात निश्चय योजना-2 के तहत आरबीएसके टीम के द्वारा चिन्हित बच्चों का ‘बाल हृदय योजना’ के अंतर्गत सफ़ल ईलाज करकर लौटा बच्चों का पहला दल

• प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में हुआ ईलाज
• फरवरी में प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हुआ था हस्ताक्षर
• 2 अप्रैल को 21 बच्चों को दिल में छेद के ईलाज के लिए वायुयान से भेजा गया था अहमदाबाद

मधुबनी कोरोना संक्रमण काल में राज्य के लिए एक अच्छी खबर आई है। सात निश्चय योजना-2 के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के टीम के द्वारा चिन्हित बच्चों का ‘बाल हृदय योजना’ के अंतर्गत सफ़ल ईलाज करकर लौटा बच्चों का पहला दल गुरूवार को वापस लौटा है. बिहार से दिल के छेद के ईलाज के लिए पटना से अहमदाबाद के लिए भेजे गए 21 बच्चों में 15 बच्चे अपना सफ़ल ईलाज करा कर वापस आ गए हैं. गुरूवार को 15 बच्चों का प्रथम दल दिल के छेद का सफ़ल ईलाज कराने के बाद वायुयान से अहमदाबाद से पटना एयरपोर्ट पर उतरे. सभी ईलाज कर वापस लौटे बच्चों का स्वास्थ्य विभाग की तरफ़ से स्वागत किया गया. बताते चलें प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन के सहयोग से बच्चों का निःशुल्क ईलाज हुआ है। जबकि बिहार सरकार के सहयोग से बच्चों के आने-जाने का खर्च वहन किया गया है। 2 अप्रैल को बिहार से दिल के छेद की समस्या से ग्रसित 21 बच्चों को पटना से अहमदाबाद ईलाज के लिए भेजा गया था. लौटे हुए सभी 15 बच्चों में 14 बच्चों का पूर्ण ईलाज हो चुका है. जबकि मधुबनी जिले का 1 बच्चा( अविनाश कुमार, उम्र 5 वर्ष) का आंशिक ईलाज हुआ है. 3 महीने के बाद फिर से अविनाश कुमार को ईलाज के लिए अहमदाबाद भेजा जाएगा . शेष बचे 6 बच्चों का ईलाज चल रहा है, जिन्हें शल्य चिकित्सा की जरूरत है. इनके सहयोग के लिए उनके साथ एक-एक अभिभावक एवं 1 आर बी एस के समन्वयक वहाँ मौजूद रहेंगे.

बच्चों के साथ एक-एक अभिभावक भी थे साथ:
आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ कमलेश शर्मा ने बताया ईलाज के लिए भेजे गए सभी बच्चों के साथ उनके एक-एक अभिभावक को भी साथ रखा गया था. साथ ही समन्वन के लिए दो समन्वयक भी भेजे गए थे. सभी बच्चों का ईलाज प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में संपन्न हुआ है.

बाल ह्रदय योजना के तहत मिली सुविधा:
एसीएमओ डॉ. एस एस झा ने बताया बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है. सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है. योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसी योजना के तहत बच्चों को निःशुल्क ईलाज मिला है. इसके लिए 13 फरवरी, 2021 को बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था. प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.

आरबीएसके टीम के द्वारा चिन्हित बच्चों का इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान एवं इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भी हुयी थी जाँच:
प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन के साथ एमओयू साइन होने के बाद 10 मार्च, 2021 इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना में 126 बच्चों तथा 11 मार्च, 2021 को इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में 73 बच्चों की जाँच को प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन संस्थान के चिकित्सकों द्वारा की गयी थी.

इन 15 बच्चों का हुआ सफल ईलाज:

1. शिवानी कुमारी , उम्र 6.5 वर्ष, गोपालगंज
2. अनवी कुमार, उम्र 4 माह, जहानाबाद
3. कंचन कुमारी, उम्र 14 वर्ष, गया
4. अशोक कुमार, उम्र 15 वर्ष, गया
5. अविनाश कुमार, उम्र 5 वर्ष, मधुबनी
6. रितिका वर्मा, उम्र 3 वर्ष, नालंदा
7. रितेश कुमार, उम्र 6 वर्ष, जमुई
8. प्रियंका कुमारी, उम्र 11 वर्ष, जमुई
9. मोहम्मद. मुमताज आलम, उम्र 11 वर्ष, सहरसा
10. सत्यम कुमार, उम्र 8 वर्ष, पटना
11. रिंकू कुमारी, उम्र 13 वर्ष, सीवान
12. शिबू कुमार, उम्र 30 माह, नालंदा
13. प्रियंका कुमारी, उम्र 13 वर्ष, मोतिहारी
14. साक्षी कुमारी, उम्र 2 वर्ष, सहरसा
15. आइरा प्रवीण, उम्र 6 साल, बेगूसराय

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