कोविड बुलेटिन एप का किया गया शुभारंभ
घर बैठे कोबिड मरीजों का परिजन जान सकेंगे हाल
दरभंगा, 28 अप्रैल :- डीएमसीएच में इलाजरत (कोविड-19) कोरोना के मरीजों व उनके परिजनों की सुविधा के लिए कोविड बुलेटिन एप बनाया गया है। इस एप को एंड्राइड मोबाइल के प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप में डीएमसीएच में भर्ती होने के दौरान मरीज के जिस मोबाइल नंबर का पंजीकरण कराया गया है। उस मोबाइल नंबर को डालने पर एप खुल जाता है और (कोविड-19) कोरोना के मरीज का भर्ती होने के समय से लेकर अभी तक के स्वास्थ्य स्थिति की दैनिक जानकारी मिल जाती है। इस एप को पूर्व सहायक समाहर्ता प्रियंका रानी के पर्यवेक्षण में विकसित किया गया है तथा वर्तमान सहायक समाहर्ता अभिषेक पलासिया एवं आईटी सेल दरभंगा द्वारा इसे प्ले स्टोर पर क्रियाशील (फंक्शनल) कराया गया है। एप को आज जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम के कर कमलों से शुभारंभ किया गया है। इस एप के क्रियाशील हो जाने से अब डीएमसीएच में भर्ती मरीज के परिजन कहीं से भी अपने मरीज का हाल समय- समय पर जान सकते हैं।
एप के माध्यम से जान सकते मरीजों की शारीरिक स्थिति
इस एप पर मरीजों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रवृष्टि की जायेगी। मरीजों के भर्ती होने के बाद से अंत तक सभी जानकारी होने से परिजनों को काफी सुविधा मिलेगी. इसके लिये मरीज के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एप पर डालना होगा। इससे घर बैठे मरीज के परिजन मोबाइल नंबर डालने पर अपने मरीज के बारे में विस्तृत जानकारी पा सकेंगे। पघारी के एक मरीज के परिजन ने बताया कि मरीजों के शारीरिक स्थिति कैसी है यह जानने के लिये परिजन चिंतित रहते हैं। लेकिन इस एप के माध्यम से उनको यह जानकारी घर बैठे मिल जायेगी। इसके लिये परिजनों को अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। बताया कि इससे अस्पताल में परिजनों की भीड़ कम हो जायेगी। ऐसा देखा जाता है कि एक मरीज के भर्ती होने के बाद उनके साथ कई परिजन साथ आ जाते हैं। इलाज के दौरान परिजनों के आने का सिलसिला जारी रहता है। इस एप की मदद से परिजनों को सुविधा मिल जायेगी।
कोरोना प्रोटोकाल का करें अनुपालन
डीएमसीएच के कोरोना नोडल ऑफिसर डॉ अहसन हमीदी ने कहा वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा है. रोजाना इसकी संख्या बढ़ रही है। इसलिये लोगों को सचेत होने की जरूरत है। कहा अभी भी कई लोग कोरोना को लेकर संजीदा नहीं है। लोग बेगैर मास्क पहने नजर आते हैँ। जो खतरनाक साबित हो सकता है। खुद व दूसरों की जान की खाति लोगों को कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन करना चाहिये। ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके। बताया कि इसे लेकर लोगों को और भी जागरूक करना चाहिये। इसके लिये समाज सेवी व बुद्धिजिवीयों को आगे आना चाहिये। इससे सामाज में कोरोना से बचाव को लेकर जन जागृति लायी जा सकेगी।