एंटी बायोटिक दवा की उपलब्धता को लेकर डीएम ने की बैठक दिये निर्देश
रेमडेसिविर केवल हॉस्पिटल को ही मिलेगा
दवा की कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई- डीएम
दरभंगा 03 मई : (कोविड-19) कोरोना के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम एवं कोरोना मरीजों के इलाज के लिए की गयी व्यवस्था को लेकर सरकार द्वारा एंटी बायोटिक दवाओं की कालाबाजारी पर अंकुश रखने को लेकर जारी आदेश का शत-प्रतिशत अनुपालन कराने हेतु दरभंगा के अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम की अध्यक्षता में संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने सहायक औषधि नियंत्रक, दरभंगा एवं सभी दवा निरीक्षकों को कोरोना बीमारी की इलाज के लिए आवश्यक एंटी बायोटिक दवाओं के भंडारण एवं बिक्री पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कई जिलों से ऐसी सूचना मिल रही है कि कई दवा विक्रेताओं द्वारा कोरोना के लिए आवश्यक एंटी बायोटिक दवाओं की जमाखोरी कर ऊंची कीमतों पर बेची जा रही है। इसे लेकर डीएम ने तीन मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त किया गया है। साथ ही सभी दवा निरीक्षकों को दवा दुकानों एवं निजी अस्पतालों की जांच करने का निर्देश दिया।
रेमडेसिविर दवा का रखा जाय हिसाब
गंभीर कोरोना मरीजों के लिए एन्टी बायोटिक दवा रेमडेसिविर जिन अस्पतालों को आवंटित किया जा रहा है, उन अस्पतालों द्वारा अपने किन- किन मरीजों को दिया जा रहा है इसका हिसाब रखा जाए। यदि कहीं से भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए तुरंत अग्रेत्तर कानूनी कार्रवाई की जाए। कहा कि यदि दवा एजेंसी द्वारा सीधे दवा दुकानदार को या हॉस्पिटल को कोई एंटी बायोटिक दवा दी जा रही है तो उसका भी हिसाब रखा जाए कि वह दवा किसको, कब, कितना दिया गया है। जिन हॉस्पिटलों को दवा एजेंसी द्वारा सीधे दवा उपलब्ध कराई गयी है। वे पहले वह अपनी दवा खर्च करेगा और आवश्यकता पड़ने पर ही सिविल सर्जन से अतिरिक्त एन्टी बायोटिक दवा की मांग करेगा। इसके अलावा डीएम ने कहा कि डीऑक्सीसाइक्लीन, आईभरमेक्टिन, रेमडेसिविर सहित जो भी एन्टी बायोटिक दवाएं हैं उस सभी पर नजर रखी जाएं। उन्होंने सहायक औषधि नियंत्रक, दरभंगा को बिरौल, बेनीपुर सहित प्रखंड मुख्यालयों की दवा दुकानों का निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि जिला में कहीं भी दवा की कालाबाजारी होती पाई जाती है तो सहायक औषधि नियंत्रक सीधे जिम्मेवार माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि दवा के साथ- साथ ऑक्सीजन सिलेंडर पर भी नजर रखी जाए। इस पर उन्होंने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक को भी नजर रखने के निर्देश दिए। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय कुमार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता एवं डीपीएम विशाल कुमार उपस्थित थे।