कोरोना काल में अस्थमा के मरीज रहें सावधान
– अस्थमा के मरीजों का कोविड-19 के संक्रमण की अधिक संभावना
– साफ-सफाई के साथ रखें सेहत का विशेष ख्याल, खाने-पीने में बरतें सावधानी
मधुबनी, प्रतिवर्ष मई माह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोगों तक अस्थमा से जुड़ी सही जानकारी पहुंचाने एवं बीमारी के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए संपूर्ण विश्व में इस दिन का आयोजन होता है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो कि फेफड़ों पर आक्रमण कर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों की सहायता करना भी इस दिन का मकसद है। विश्व अस्थमा दिवस के लिए इस वर्ष का थीम, ‘अस्थमा की भ्रांतियों को उजागर करना’। कई लोगों के बीच अस्थमा से जुड़ी गलत बातें फैली हुई हैं, बस इन्हीं लोगों तक सच को पहुंचाना इस वर्ष के विषय का मकसद है। जिसपर कि पूरे वर्ष काम होता है।
अस्थमा के मरीज कोविड काल में रहें सतर्क और सावधान:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया अस्थमा से पीड़ित मरीजों को कोविड-19 के काल में विशेष सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। थोड़ी सी भी चूक होने पर वह कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के साथ संक्रमण की संभावना अधिक होती है। इसलिए अस्थमा मरीजों को विशेष रूप सावधान रहने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में भी अस्थमा के अटैक की आशंका बढ़ जाती है। थोड़ी सी सावधानी बरतने पर इसका मुकाबला भी किया जा सकता है।
नियमित रूप से दवा का करें सेवन:
अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से दवाई का सेवन करना चाहिए। अधिकांश अस्थमा के मरीज दवाई लेते हैं और नियमित दवाई लेने से कई प्रकार का परेशानी उत्पन्न होने की संभावना नहीं के बराबर होती है। डॉक्टर ने अगर नियमित दवा खाने के लिए कहा है तो लापरवाही न बरतें और इस पर अमल करें। दवा का एक भी डोज छूटे नहीं। इस बात का ध्यान रखें।
बचाव के तरीके
– अस्थमा के मरीजों को धूल, धुआँ , परागकणों से बचने की जरूरत है।
– कोरोना का टीका जरूर लगवाएं।
– भीड़भाड़ में जाने से पूरी तरह से बचें।
– अगर पहले से अस्थमा की दवाओं का सेवन कर रहे हों या इनहेलर ले रहे हों तो कोरोना होने पर भी बिना डॉक्टर की सलाह के उन्हें न छोड़ें।
खुली और ताजी हवा में रहें:
अस्थमा से पीड़ित मरीजों को अधिकांश समय खुली और ताजी हवा में बिताना चाहिए और पर्याप्त रोशनी भी लेनी चाहिए। साथ ही ताजे और शुद्ध पेयजल का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। हल्का भोजन खाना चाहिए। भारी भोजन के सेवन से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। अस्थमा के मरीजों को भोजन धीरे-धीरे एवं खूब चबाकर करना चाहिए। ऐसे मरीज दिन में आठ से दस बार पानी अवश्य सेवन करें। अस्थमा के मरीज गरिष्ठ भोजन, तले हुए पदार्थ न खाएँ। अधिक मीठा, ठण्डा पानी, दही का सेवन भी न करें। अस्थमा के रोगियों को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा वाली चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक के सेवन से भी परहेज करें।
अस्थमा के लक्षण:
अस्थमा के लक्षणों में मुख्य रूप से सांस लेने में कठिनाई होने लगती है क्योंकि श्वास नलियों में सूजन आने के कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। इसके अलावा खांसी, घबराहट तथा सीने में जकड़न व भारीपन होना, फेफड़ों में लंबे समय तक कफ जमे रहना, नाड़ी गति का बढ़ जाना, सांस लेते समय सीटी की आवाज का आना आदि भी अस्थमा के लक्षण हैं।
इन बातों का रखें ध्यान:
– नम और उमस भरे क्षेत्र को नियमित रूप से सुखाते रहें
– बाथरूम की नियमित रूप से सफाई करें
– एक्जॉस्ट फैन का उपयोग करें और घर में नमी न होने दें
– भीगे कपड़े से फर्श की सफाई करें
– रोजाना सांस लेने का कोई व्यायाम करें
– मोटा तकिया रखकर सोएं। इससे भी आपको अस्थमा की समस्या से राहत मिलगी।