दरभंगा से,,,पत्रकार,,,राजू सिंह कि रिपोर्ट
प्राचीन भारतीय इतिहास पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, LNMU में मूर्ति-विज्ञान पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रो० रंजुश्री घोष, वरीय सोध अध्येता, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने मूर्ति विज्ञान एवं अभिलेखों के
आधार पर प्राचीन भारत के सामाजिक इतिहास लेखन एवं सामाजिक इतिहास के अन्य भागों पर खासकर मूर्ति अभिलेखों से कितना विस्तृत प्रकाश पड़ता है पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही प्रो घोष ने प्राचीन भारत में महिलाओं की सामाजिक स्थिति का ज्ञान प्राचीन मूर्तियों पर प्राप्त अभिलेखों से कैसे प्राप्त होता है? पर भी काफी विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।
कार्यशाला का विषय प्रवेश डॉ अवनींद्र कुमार झा ने किया और सामाजिक इतिहास में मूर्ति विज्ञान की महत्ता पर मिथिला की प्राचीन इतिहास और दरभंगा शहर की ऐतिहासिकता पर विस्तार से चर्चा किए। कार्यशाला की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ अयोध्या नाथ झा ने किया और मिथिला की प्राचीन मूर्तियों एवं अबतक के प्रकाशित अभिलेखों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन, MLSM कॉलज के डॉ भाष्कर नाथ ठाकुर ने किया। आयोजन में सहयोग मुरारी कुमार झा(पुरातत्व), गौतम, सुभाष, अंजू, अभय आदि ने किया।
कार्यशाला में डॉ अरुण कुमार सिंह, MLS संग्रहालय से चंद्र प्रकाश, डॉ सरोज कुमार झा, डॉ सुमन जी चौ०, डॉ राजेश रंजन सिन्हा, डॉ रामप्रमोद राय, प्रो दिनेश कुमार महासेठ, प्रो चंद्रावती, प्रो अशोक कुमार मिश्र, प्रो अरुण कुमार मिश्र के साथ-साथ दर्जनों शोधार्थी और सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।