डीसीएचसी में 25 बेड में पाइपलाइन के जरिये मरीजों को उपलब्ध कराया गया ऑक्सीजन
डीसीएचसी में कोरोना के 51 गंभीर मरीज भर्ती
मेडिकल कचरा का उचित प्रबंधन किया जाता है डीसीएचसी में
मधुबनी,25 मई। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या में हर दिन बढ़ाेतरी हो रही है। वहीं, कुछ मरीजों को ऑक्सीजन की कमी होने की भी परेशानी आ रही है। मधुबनी रामपट्टी में बने डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 25 बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइल लाइन के जरिये शुरू कर दी गई है। कोरोना के गंभीर मरीजों को इसका लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। गौरतलब है की डीसीएचसी में 50 बेडों के लिये ऑक्सीजन की पाइपलाइन बिछाई गई है, जिसमें फिलहाल 25 बेड पर ही यह सुविधा शुरू हो पाई है। डीसीएचसी में तीन शिफ्ट में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। अस्पताल में चिकित्सकों की कमी होने के कारण परेशानी के बावजूद चिकित्सक अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। विदित हो कि जिले में कोरोना के गंभीर मरीजों को डीसीएचसी में भर्ती किया जाता है। यहां हर दिन संक्रमित मरीजों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन सिलिंडर के जरिये ऑक्सीजन मुहैया कराया जा रही है।
डीसीएचसी में 51 मरीज भर्ती
जिले के रामपट्टी स्थित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में कोरोना के 51 गंभीर मरीज भर्ती हैं जिसमें 44 मरीज ऑक्सीजन पर तथा 4 मरीज ऑक्सीजन बाईपास यानी मिनी वेंटिलेटर पर हैं तथा 3 मरीज सामान्य स्थिति में भर्ती हैं । वही सीसीसी कोविड केयर सेंटर में 14 कोरोना से संक्रमित मरीज भर्ती हैं।
मेडिकल कचरा का उचित प्रबंधन किया जाता है डीसीएचसी में
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया डीसीएचसी में कोविड मरीजों के इलाज में निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण विशिष्ट ढंग से किया जाता है। जिससे संक्रमण के फैलाव की सम्भावना ना के बराबर होती है। डीसीएचसी में चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट, मास्क, ग्लव्स व अन्य सामग्री को डस्टबीन रखा जाता है। स्वास्थ्य प्रबंधन की ओर से बायो वेस्ट उठाने वाली मेडिकेयर इनवायरमेंटल मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड मुजफ्फरपुर एजेंसी द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज में उपयोग किए गए मेडिकल वेस्टेज उठाव के लिए करार किया गया है। कोविड-19 से जुडे वेस्ट को डबल पन्नी में रखा जाता है। इसमें पीले रंग की पन्नी में रखकर उसको डबल किया जाना है। उसके बाद उसे एजेंसी की गाड़ी उठाव कर सावधानीपूर्वक ले जाती है। जहां पर उस वेस्ट को सीधे इंसीनेटर में रखकर नष्ट किया जाना है।