सरकारी भवन निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रीक्स के उपयोग का निर्णय स्वागतयोग्य कदम:बेसा

बिहार सरकार द्वारा सरकारी भवन निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रीक्स के उपयोग के निर्णय पर बिहार अभियन्त्रण सेवा संघ के महासचिव डा सुनील कुमार चौधरी ने प्रतिक्रया देते हुए इसे स्वागतयोग्य क़दम बताया है। डा चौधरी ने बताया कि सरकार का यह निर्णय आने वाले दिनों में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। निर्माण कार्य में फ्लाई ऐश ब्रीक्स का उपयोग न केवल पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है बल्कि निर्माण के लागत को भी अप्रत्याशित रूप से कम करने में मदद करता है। उन्होने बताया कि फ्लाई ऐश ब्रीक्स के उपयोग से जहाँ एक तरफ प्राकृतिक संसाधन के दोहन पर रोक लगेगा,वही दूसरी तरफ इसके उपयोग से प्रदूषण में अप्रत्याशित कमी आयेगी। डा चौधरी ने आगे बताया कि एक टन सीमेंट के उपयोग से वातावरण में करीब एक टन कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। अतः सरकारी,अर्ध सरकारी एवं गैर सरकारी निर्माण कार्यों में फ्लाई ऐश कंक्रीट ,हाई वौल्यूम फ्लाई ऐश सीमेंट कंक्रीट,बनाना फाइबर्स हाई वौल्यूम फ्लाई ऐश सीमेंट कंक्रीट कम्पोजिट के प्रयोग को बढ़ावा देने की नितांत आवश्यकता है जिससे औद्योगिक वेस्ट को वेल्थ मे बदलते हुए ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम किया जा सके। एक शोध के मुताबिक देश में केवल लो कौस्ट हाउसिंग के केवल नींव में फ्लाई ऐश कंक्रीट ब्लौक का उपयोग किया जाय तो फ्लाई ऐश का स्टॉक समाप्त हो जायेगा। अतः बिहार अभियन्त्रण सेवा संघ का सरकार को सुझाव है कि निर्माण कार्य में फ्लाई ऐश का उपयोग ब्रीक्स के अलावा कंक्रीट, टाइल्स,पेंट,प्लास्टर,किवाड़,खिड़की,ढालदार छत में प्रयोग करने हेतु नीतिगत बदलाव करे ताकि कौस्ट इफेक्टिव एवं पर्यावरण के अनुकूल तकनीक को बढ़ावा मिल सके। उन्होने फ्लाई ऐश लिटरेसी की भी वकालत की एवं इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत बदलाव के साथ साथ आम लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया ।
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