क्लब फुट से ग्रसित छह माह का बच्चा का आरबीएसके ने कराया सफल ऑपरेशन
•आरबीएसके द्वारा ऑपरेशन के लिए भेजा गया दरभंगा डीएमसीएच
•जन्म से पैर का मूड़ना होता होता है क्लब फुट
•समय पर इलाज बहुत है जरूरी
•पूरी प्रक्रिया में परिवार को नहीं हुआ कोई भी खर्च
मधुबनी बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए खुशियों से भरा होता है। पर जन्म से ही अगर बच्चा किसी जानलेवा रोग से ग्रसित हो तो परिवार के लिए यह सबसे मुश्किल घड़ी हो जाती है। जिला के फुलपरास प्रखंड के सुगापट्टी ग्राम में ऐसी ही बीमारी से ग्रसित 6 माह का बच्चा दीपांशु कुमार मिला जो जन्म से ही पैर मुड़ा हुआ था। जो समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था। इसे चिकित्सकीय भाषा में क्लब फुट कहते हैं। सही समय पर इसका ऑपरेशन नहीं करवाने की स्थिति में यह जिंदगी भर अपाहिज बना सकता है। मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने जिला में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट एर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) द्वारा इसे डीएमसीएच दरभंगा में भेजा जहां दीपांशु का सफल ऑपरेशन हुआ । सफल ऑपरेशन के बाद वर्तमान में यह बच्चा स्वस्थ है और सामान्य रूप से जीवन जी रही।
जन्म के बाद से ही शुरू हो गया था पैर का मूड़ना :
दीपांशु के पिता संतोष कुमार ने बताया कि जन्म के बाद से ही बच्चे का पैर मुड़ा हुआ था और समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था। शुरुआत में इसे नजरअंदाज कर दिया। परंतु आरबीएसके की टीम के द्वारा बच्चे को चिन्हित किया गया तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आईबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट एर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) भेजा गया। यहां चिकित्सक द्वारा जांच के बाद बच्चे को क्लब फुट से ग्रसित पाया गया और इसके इलाज के लिए दरभंगा भेजा गया जहां ऑपरेशन कर के इसे ठीक किया गया।
आरबीएसके द्वारा की गई मदद :
आरबीएसके के जिला समान्यवक डॉ. कमलेश शर्मा ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से 6 माह का बच्चा दीपांशु कुमार मधुबनी सदर अस्पताल भेजा गया। जहां विशेषज्ञ चिकित्सक ने जांच की तो इसमें क्लब फुट की समस्या पाई गई। जिससे उबरने के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प होता है। सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा के आदेश से बच्चे को तुरंत एम्बुलेंस के माध्यम से डीएमसीएच दरभंगा भेजा गया। वहां आरबीएसके समन्वयक डॉ केशव किशोर के देखरेख में सर्जन से बच्चे का सफल ऑपरेशन करवाया गया। ऑपरेशन के बाद सभी प्रकार की जांच सही आने के बाद फिर एम्बुलेंस द्वारा बच्ची व उनके परिजन को घर तक पहुँचाया गया।
नहीं हुआ परिवार को कोई भी खर्च :
आरबीएसके जिला समान्यवक डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि दीपांशु कुमार की पूरी जांच और ऑपरेशन की प्रक्रिया आरबीएसके टीम द्वारा ही की गई। इस पूरी प्रक्रिया में परिजनों को किसी तरह का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ा। ऑपरेशन के बाद भी बच्चे का फीडबैक के लिए टीम के द्वारा उनके घर जाकर नियमित जानकारी ली जाती है। आरबीएसके टीम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से कार्यरत है।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन-
– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।