प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवटी में सुरक्षित गर्भपात पर हुई बैठक
• असुरक्षित गर्भपात के चिकित्सकीय समाधान की दी जानकारी
• कोरोना काल में सुरक्षित गर्भसमापन कराने में हुई समस्या
• एमटीपी एक्ट के अनुसार 20 सप्ताह तक ही कराया जा सकता है गर्भ का समापन
दरभंगा कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसमें सुरक्षित गर्भपात करना भी एक चुनौती रहा| इसको लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवटी में जिसमें आशा एवं दो आशा फैसिलिटेटर को आइपास डिवलमेंट से आये विकास कुमार ने सुरक्षित गर्भ समापन और कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी | साथ हीं सही तरीके से गर्भपात को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कोरोना के समय में लोगों को कई विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। इस दौरान कई ऐसी महिलाएं हैं जो अनचाहे रूप से गर्भवती हो गई। विकास ने बताया कि प्रशिक्षित चिकित्सक से ही स्वास्थ्य केन्द्र में प्रथम तिमाही एवं डीएमसीएच में द्वितीय तिमाही के दौरान सुरक्षित रूप से गर्भपात कराया जा सकता है| बताया कि अन्य जगह गर्भपात कराना जोखिम भरा हो सकता है| इसलिये वैसी महिलाओं को डीएमसीएच भेजना ही उचित होगा| इसे लेकर जागरूकता भी जरूरी है|
20 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से समाप्त करने की है इजाज़त:
विकास ने कहा एमटीपी( मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी) एक्ट 1971 में निहित कुछ निहित शर्तों के तहत कोई भी महिला 20 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से हटा सकती है। लेकिन एमपीटी एक्ट में कुछ शर्तों का जिक्र किया गया है। जिसका अनुपालन अनिवार्य है तथा इसे लेकर जरूरी दस्तावेज होने चाहिए। लेकिन इस दरमियान ख्याल रखना होगा कि उनका सुरक्षित रूप से गर्भपात हो सके। इसके लिए उनके परिजनों को खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। किसी भी बिचौलियों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। किसी तरह की समस्या होने पर निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क रूप से कानूनी रूप से गर्भपात कराने की सुविधा उपलब्ध है। इस दौरान विशेष परिस्थिति होने पर एंबुलेंस की मदद से महिला मरीज को नि:शुल्क रूप से हायर सेंटर भेजने की सरकारी सुविधा उपलब्ध है। लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए। 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध है, लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह से ऊपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में 2 प्रशिक्षित डॉक्टर की उपस्थिति में सदर अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में गर्भपात होनी चाहिए। इस दौरान माहवारी के समय साफ -सफाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनके लाल, बीएचएम दीपक कुमार, बीसीएम प्रमोद कुमार, बीएमएलइ कमलेश कुमार, बीएम राजीव कुमार, डीइओ राजेश कुमार आदि मौजूद थे।