विश्व शिक्षक दिवस पर पीजी मैथिली विभाग में शिक्षकों का हुआ सम्मान
विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगलवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग में पीएटी 2020 के शोधार्थियों ने शिक्षक सम्मान कर कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में विभाग के शिक्षकों का शोधार्थियों की ओर से मिथिला की गौरवशाली परंपरा अनुरूप पाग, चादर, माला, मास्क एवं नामाक्षर हार से सजा प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया गया.
मौके पर मैथिली के वरीय शिक्षक सह दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता ने शिक्षक दिवस की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जिसने गुरु से ज्ञान नहीं लिया हो. यह ज्ञान कितना महत्वपूर्ण है यह गुरु के प्रति शिष्य द्वारा प्रदर्शित आदर भाव से स्वत: परिलक्षित होता है. उन्होंने शोधार्थियों द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम के लिए धन्यवाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. प्रो रमण झा ने अपने संबोधन में शोध कार्य में शोध निर्देशक के रूप में गुरु के महत्व को रेखांकित करते हुए शिक्षक दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला.
प्रो नारायण झा ने कहा कि जीवन में शिक्षक का किरदार बहुत ही खास होता है. वह किसी के जीवन में नाटक के उस बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह होते हैं जिनकी उपस्थिति मंच पर तो नहीं होती, लेकिन उनके होने से नाटक में जान आ जाती है. प्रो दमन कुमार झा ने कहा कि हम चाहे जीवन के किसी पड़ाव पर क्यों न खड़े हों, शिक्षक की आवश्यकता सबको पड़ती है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पीजी मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो रमेश झा ने कहा कि शिक्षक दिवस गुरु शिष्य परंपरा को जीवंत बनाने का एक सशक्त माध्यम है. किसी शिक्षक को अपने जीवन में सर्वाधिक खुशी तभी मिलती है, जब उनका शिष्य अपनी उपलब्धियों से दुनिया में उनका नाम रोशन करता है. शोधार्थी प्रवीण कुमार झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में विभाग के शिक्षकेत्तर कर्मियों को भी सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन सृष्टि अंशुमान ने किया जबकि इस अवसर पर एम एल एस एम कॉलेज की मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ उषा चौधरी, सीएम साइंस कॉलेज के डा सत्येंद्र कुमार झा, डा शांतिनाथ सिंह ठाकुर, अनिल कुमार, खगेंद्र नाथ झा, लाल बाबू यादव, कौशल झा, निखिल कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, अपर्णा चौधरी, प्रीति, मधु, राज्यश्री, दीपक कुमार आदि सहित विभाग के सभी शोधार्थी उपस्थित हुए।