टूथपेस्ट से ब्रश करने के दौरान बच्चों के साथ रहें अभिभावक- डॉ कोले
-ध्यान रहे कि बच्चा टूथपेस्ट को निगले नहीं
-टूथपेस्ट के अंदर फ्लोराइड से बच्चों में फ्लोरोसिस बीमारी की सम्भावना
दरभंगा दांतों की सफाई के लिए टूथपेस्ट बहुत जरूरी है, लेकिन यह बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अक्सर देखा है कि छोटे बच्चे टूथपेस्ट खाते हैं या उसे निगल जाते हैं। टूथपेस्ट पेट में जाकर स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। इस बीमारी के बाद शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती और दांत भी खराब होने लगते हैं। डीएमसीएच के दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ सुमंत कोले का कहना है कि टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा इसे निगले नहीं। अगर वह ऐसा कर रहा है तो उसे रुक जाना चाहिए, क्योंकि टूथपेस्ट के अंदर फ्लोराइड होता है। जिसे खाने से बच्चों को फ्लोरोसिस की बीमारी हो सकती है।
छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरनाक
वैसे तो यह रोग ज्यादा फ्लोराइड युक्त पानी पीने से होता है, लेकिन कई मामलों में टूथपेस्ट भी इसका कारण बन सकता है। डॉ कोले ने कहा कि शोध में यह भी सामने आया है कि छह साल से कम उम्र के बच्चों के शरीर में सीधे फ्लोराइड का संपर्क बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे उनमें कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं। दांतों की सफाई के लिए मटर के दाने से ज्यादा टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है। टूथपेस्ट का मुख्य उद्देश्य दांतों को फ्लोराइड प्रदान करना और कुछ मामलों में सफेद करना है।
क्या होती है फ्लोरोसिस की बीमारी
डॉ कोले के अनुसार फ्लोरोसिस दो रूपों में होता है। इनमें से पहला है डेंटल फ्लोरोसिस जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। इसमें छह साल से कम उम्र के बच्चों के दांत पीले पड़ने लगते हैं। दूसरा है स्केलेटल फ्लोरोसिस, यह शरीर में जोड़ों को प्रभावित करता है। इसमें गर्दन, पीठ, कंधे और घुटने कमजोर हो सकते हैं और उनमें हमेशा दर्द बना रह सकता है।
फ्लोरोसिस के लक्षण
फ्लोरोसिस की समस्या होने पर दांतों का अत्यधिक पीला पड़ना। हाथ और पैर को आगे या पीछे घुमाना। पैर का अंदर या बाहर की ओर झुकना। घुटनों के आसपास सूजन। झुकने या बैठने में परेशानी। कंधे, हाथ और पैर के जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है।
ध्यान देने योग्य बातें
बहुत छोटे बच्चों के लिए कम फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करें। 2. मुंह धोते समय बच्चों के साथ रहें और पेस्ट को निगलने से रोकें। 3. टूथपेस्ट को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। 4. अगर बच्चे ने जरूरत से ज्यादा पेस्ट निगल लिया है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।