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19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन की तैयारी जोरों पर

19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन की तैयारी जोरों पर

22-23 दिसंबर को श्रीअयोध्याधाम में होगा भव्य आयोजन

कौशलेन्द्र कथा मण्डपम में चल रही तैयारियों का स्वागत समिति ने लिया जायजा
मैथिली के संवैधानिक अधिकार दिवस के रूप में अयोध्या में आयोजित होने वाले दो दिवसीय 19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन की तैयारियों का बुधवार को विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, स्वागत समिति का मुख्य संरक्षक परमपूज्य श्रीश्री 1008 गौ संतसेवी श्री महंथ कौशल किशोर दास जी महाराज एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष श्रीश्री 1008 श्री महंथ स्वामी अवधेश कुमार दास जी महाराज ने आयोजन समिति के सदस्यों के साथ जायजा लिया. आयोजन समिति के सदस्यों ने सम्मेलन के स्थल के रूप में चयनित कौशलेन्द्र कथा मण्डपम का निरीक्षण किया एवं चल रही तैयारियों की समीक्षा की। जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डाॅ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि
कोरोना के सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां पूरी की जा रही है. सम्मेलन में मैथिली साहित्य एवं संस्कृति की अविरल धारा लगातार दो दिनों तक बहेगी. जबकि जानकी जन्मभूमि के संरक्षण सहित मैथिली को संवैधानिक अधिकार दिलाने पर होगा विशेष जोर होगा. इसमें विचार गोष्ठी प्रभारी मणिकांत झा के नेतृत्व में जहाँ ‘मिथिला, मैथिली एवं मैथिलक उत्कर्ष’ विषय पर केन्द्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। वहीं, हरिश्चंद्र हरित के संयोजन में भव्य अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.
सम्मेलन में विशेष रूप से संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने के 18 साल बीतने के बाद भी इसे अब तक यथोचित संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारणों की पड़ताल किए जाने के साथ ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक परमपूज्य श्रीश्री 1008 गौ संतसेवी श्री महंथ कौशल किशोर दास जी महाराज ने बताया कि मां जानकी के ससुराल में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के बहाने उनके मायके के लोगों की हो रही भारी जुटान में उनके आवभगत में किसी प्रकार की कमी नहीं हो, इस पर उनका विशेष ध्यान है. साथ ही, रामजन्मभूमि की तर्ज पर मां जानकी की जन्मभूमि के भी सर्वांगीण विकास पर आयोजन समिति की विशेष नजर होगी. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल विभिन्न भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक अवदान देने वाले साहित्यकारों सहित अन्य विधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को मिथिला रत्न सम्मानोपाधि प्रदान किए जाने के साथ ही भव्य संत समागम का आयोजन किया जाएगा.
समीक्षा बैठक में आनलाइन जुड़ते हुए मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने मिथिला एवं अयोध्या के बीच के मधुर संबंधों को रेखांकित करते हुए 19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के आयोजन के उद्देश्यों को विस्तार से बताया. साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि यह आयोजन मिथिला और अयोध्या के संबंधों को जीवंत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा. सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि यह आयोजन सीता के मायके एवं ससुराल के बीच के संबंध को और भी प्रगाढ़ स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष डा महेन्द्र नारायण राम ने कहा कि ब्रजभूमि वृन्दावन के बाद मैया सीता के ससुराल और मर्यादा पुरुषोत्तम पाहुन राम की जन्म भूमि अयोध्या में आयोजित हो रहा यह आयोजन अनेक रचनात्मक कीर्तिमान गढ़ेगा. मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि इस कार्यक्रम के बहाने आम मिथिलावासी को पाहुन राम की जन्मभूमि को करीब से देखने का अवसर मिलने के साथ ही मां जानकी की जन्मभूमि के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति उत्कंठा जगेगी.
स्वागत समिति के अध्यक्ष श्रीश्री 1008 श्री महंथ स्वामी अवधेश कुमार दास जी महाराज ने बैठक में धन्यवाद ज्ञापित करते कहा कि यह आयोजन न सिर्फ यादगार होगा बल्कि कई मायनों में मिसाल गढ़ने वाला भी साबित होगा. बैठक में गणेश झा, जगन्नाथ झा एवं मणिभूषण राजू आदि ने भी अपने विचार रखे।

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