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फातिमा शेख़ की 191 वीं जयंती के मौके पर दमन, नफरत, विभाजनकारी नीतियों को परास्त करने का संकल्प लिया गया।

फातिमा शेख़ की 191 वीं जयंती के मौके पर दमन, नफरत, विभाजनकारी नीतियों को परास्त करने का संकल्प लिया गया।- जसम/प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट/आइसा/इनौस/

वर्तमान समय में दमन, नफ़रत, विभाजन का आधी चल रही है, इसका मुकाबला सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की साझी विरासत से दें- प्रो. सुरेंद्र कुमार सुमन

वैज्ञानिक चिंतन की जगह फ़ासीवाद ताकतों के द्वारा अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है, फातिमा शेख़ की विचारों से जवाब दें।- प्रो. कल्याण

दरभंगा के प्राक प्रशिक्षण केंद्र प्रागण में कवियत्री व इंकलाबी समाज सुधाररिका सावित्री फुले की सहकर्मी फातिमा शेख की 191 वीं जयंती के अवसर पर जन संस्कृति मंच, प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट, आइसा, इनौस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि के साथ संयुक्त रूप से उनके संघर्षों को याद करते हुए उसको पूरा करने का संकल्प लिया गया।

इस दौरान कार्यक्रम की विधवत शुरुआत विजेंद्र अनिल के द्वारा रचित जनगीत लिखने वाले को मेरा सलाम, पढ़ने वालों को मेरा सलाम…क्रांति की राह में जो मरे उन शहीदों को मेरा सलाम …भाकपा माले के वरिष्ठ नेता गंगा मंडल के प्रस्तुति के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम का संचालन आइसा राज्य सह सचिव प्रिंस राज ने किया तथा संचालन जसम के राज्य उपाध्यक्ष प्रो कल्याण भारती में किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जसम के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य प्रो. सुरेंद्र कुमार सुमन ने फातिमा शेख को याद करते हुए कहाँ की हम एक ऐसे दौर में फातिमा शेख की 191 वीं जयंती मना रहे हैं जब पूरे देश में दमन, नफरत, विभाजन का आंधी चल रही है।

ऐसे दौर में सावित्री बाई फुले व फातिमा शेख ने समाज मे शिक्षा की मिशाल जलाने का फैसला लिया था जब हमारे समाज में जबरदस्त पुरुषवादी, जातिवादी, घोर ब्राम्हणवाड़ी व्यवस्था से जकड़ा हुआ था।
उस कठिन दौर ही में समाज के वंचित, शोषित समाज के महिलाओं के बीच शिक्षा का मशाल जलाने निकल पड़ी जो बहुत कठिन दौर था।
उस कठिन दौर में समाज के तमाम प्रताड़नाओं को धत्ता बताते हुए आगें बढ़ी शोषित वर्ग के बीच सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख से स्कूल का संचालन किया।

वर्तमान समय की सरकारें सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की बहादुराना विरासत और संघर्ष को इतिहास के पन्नो के साथ उनके विचारों पर हमला कर रही है। जबकि वर्तमान दौर में सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की बहादुराना विरासत से लैस होकर एकजुट होकर फासीवादी को उखाड़ फैकने और शिक्षा के अधिकार को बचाने के साथ-साथ हमारे आइकॉन के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लेना होगा यही समय की मांग है।
जसम के राज्य उपाध्यक्ष प्रो. कल्याण भारती ने कहां कि आज जब एक बार फिर से समाज में भाजपा-आरएसएस के नेतृत्व में फासीवादी विचार हावी हो रहा है ऐसे ही दौर में वैज्ञानिक चिंतन की जगह अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। सावित्री बाई फुले और फातिमा शेख का चिंतन व संघर्ष सामाजिक बदलाव के लिए चल रही लड़ाई को बल मिलेगा। इसलिए समय की मांग है वर्तमान समय में एकजुटता के साथ फ़ासीवादी सरकार की दमन, नफरत, अंधविश्वास की राजनीति को परास्त करें।

कार्यक्रम में शिक्षक नेता नंदन सिंह, विनोद भारती, फतह आलम, बलराम राम, राजिउल्लाह, माले नेता गंगा मंडल, आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, संदीप कुमार, राजू कर्ण, विशाल माझी, इनौस राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी, शोधार्थी छात्र समीर कुमार, मंजू सोरेन, एक्टू नेता उमेश साह सहित दर्जजो लोग शामिल थे।

जसम की ओर प्रो सुरेंद्र प्रसाद सुमन

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