विश्व कैंसर सप्ताह :अंतिम दिन नरपत नगर में लगा कैंसर स्क्रीनिंग कैंप
• कैंसर सप्ताह में जिले में 300 से अधिक लोगों की हुई स्क्रीनिंग
• 19 लोग फॉलोअप पर व 2 ब्रेस्ट कैंसर के हाईली सस्पेक्टेड पाए गए
• होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर की डॉ अभिलिप्स द्वारा जिले में अब तक 159 कैंप के तहत 8614 लोगों की जांच
मधुबनी जिला में कैंसर रोग के प्रति जागरूकता लाने तथा कैंसर रोगियों को चिह्नित करने को लेकर नि:शुल्क कैंसर चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन 4 से 10 फरवरी तक किया गया। इसी क्रम में गुरुवार को नरपत नगर में कैंप लगाकर लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग के तहत जांच व जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। परामर्श शिविर में एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने भी भ्रमण कर कैंसर संंबंधी जांच प्रक्रियाओं का मुआयना किया और कैंसर रोगियों के इलाज संबंधी प्रक्रियाओं की जानकारी ली। इस मौके पर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ जीएम ठाकुर, टाटा मेमोरियल सेंटर की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिलिप्सा और उनकी टीम भी मौजूद रही। विदित हो की होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के द्वारा जिले में कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह योजना बिहार के 16 जिलों में चलाई जा रही है। शिविर के दौरान डॉ. अभिलिप्सा ने बताया यह देखा गया है कि कैंसर मरीज को कैंसर पता लगने के बाद भी इलाज कराने में काफी देर हो जाती है। जिससे खतरा ज्यादा बढ़ता ही रहता है। उन्होंने बताया बिहार में 3 तरह की कैंसर सबसे ज्यादा पाई जाती है। अगर समय से इसकी जांच की जाए तो आसानी से कैंसर को काफी हद तक कम कर सकते है। यह संस्थान टाटा स्मारक केंद्र, मुंबई की इकाई है जो ऊर्जा परमाणु विभाग द्वारा अनुदित है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर अभी बिहार के 16 जिलों में जाकर काम कर रहा है । कार्यक्रम के तहत मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर की प्रारंभिक लक्षण की जांच की जाती है। डॉ. अभिलिप्सा ने बताया मधुबनी जिले में अब तक 159 से ज्यादा कैंप लगाया गया है। वहीं 8614 लोगों की जांच की गई। इसके साथ ही आशा और एएनएम के साथ 77 प्रशिक्षण हुआ। जिसमें 1621 स्वास्थ्यकर्मी को प्रशिक्षित किया गया है। कैंसर स्क्रीनिंग व जागरूकता सप्ताह के दौरान में जिले में 300 से अधिक लोगों की जांच की गयी। जिसमें 19 लोग फॉलोअप पर व 2 ब्रेस्ट कैंसर एवं एक ब्लड कैंसर के हाईली सस्पेक्टेड पाए गए। आगामी वर्षों में इस कार्यक्रम को बिहार के सभी 38 जिलों में चलाया जाएगा।
लक्षणों की ससमय पहचान से 70 % कैंसर मामले कम होंगे:
डॉ. अभिलिप्सा ने बताया बिहार में पहली बार जनसंख्या आधारित कैंसर स्क्रीनिंग की शुरुआत की गयी है। इसमें मुख कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं। इसके बाद महिलाओं में गर्भाशय और स्तन कैंसर के मामले मिले हैं। राज्य में प्रतिवर्ष 1 लाख 40 हजार कैंसर के मामले सामने आते हैं। इस प्रोग्राम में तीन तरह के कैंसर की स्क्रीनिंग की जाती है। जिनमें मुख, स्तन और गर्भाशय कैंसर शामिल हैं। तीनों कैंसर का इलाज समय से शुरू होने पर राज्य में 70 प्रतिशत कैंसर मामलों को कम किया जा सकता है। विदित हो कि भारत में प्रतिवर्ष 156000 महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती और उसमें 76,000 की मृत्यु हर साल हो जाती है। वहीं गर्भाशय के मुख का कैंसर से भारत में प्रतिवर्ष 132000 पीड़ित होते जिसमें 63000 की मौत हो जाती है। जबकि तम्बाकू सेवन के कारण भारत में 250000 पीड़ित होते और प्रति दिन 2200 लोगों की मृत्यु तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। इसमें से ज्यादातर संख्या बिहार की होती है। इसीलिए बिहार में शुरुआती लक्षण की जांच और जागरूकता की ज्यादा जरूरत है।
कैंसर के मुख्य संकेत:
• शरीर के किसी अंग में असामान्य असामान्य सूजन का होना
• तिल या मस्सों के आकार या रंग में परिवर्तन
• लगातार बुखार या वजन में कमी
•घाव का लंबे समय से नहीं भरना
•4 हफ्ते से अधिक समय तक अकारण दर्द का रहना
•मूत्र विसर्जन में कठिनाई या दर्द का होना
•शौच से रक्त निकलना
•स्तन में सूजन या कड़ापन का होना
•3 सप्ताह से अधिक लगातार खाँसी या आवाज का कर्कश होना
•असामान्य रक्त प्रवाह या मासिक धर्म के बाद भी रक्त का निकलना