दरभंगा
भूमि समस्या निदान की मांग पर मांग पत्र आवश्यक कार्रवाई हेतु समर्पित:-
साग्रह कहना है कि राज सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजना जमीन के अभाव

में (खासकर,शिक्षा, स्कूल) जमीन पर उतरने मे अवरोधक हैं। 30 प्रतिशत भूमिहीन लोग शहर एवं देहातों मे रहते हैं। वासभूमि कानून और सरकारी जमीन के रहते हुए भी सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश का उल्लंघन बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए उजाड़ने की कार्रवाई चल रहा हैं। साथ ही प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग पटना बिहार के द्वारा पत्रांक 2472 मे स्पष्टतौर पर उल्लेख हैं कि शहरी गरीबों को वासभूमि, आवास उपलब्ध कराने का निर्देश को देखा जा सकता है। फिर भी शहर मे लगभग हजारों परिवार सरकारी जमीन पर वर्षों से रह रहे हैं। लेकिन भूमि अधिकार पत्र नही मिलने से आवास योजना का लाभ से वंचित होना पड़ा हैं, जिले के अंदर बागमती, कमला, अधवाड़ा तटबंध, पोखरा के भिंडा पर हजारों भूमिहीन परिवार झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं, हमेशा अतिक्रमण के नाम पर, हाइकोर्ट के आदेश पर विश्थापित होने का दंश झेलने को मजबूर है। हमेशा डरे सहमे रहते हैं। जबकि जिले में हजारों एकड़ सरकारी जमीन पर दबंगो द्वारा नजायज कब्जा जमाए हुए है। बन्धोउपाध्यय की कमिटी के अनुशंसा को देखा जा सकता है। भाकपा(माले) प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों को समय-समय पर ज्ञापन,धरना-प्रदर्शन कर कार्रवाई के लिए आग्रह करते रहे हैं। पुनः आज भी मांग पत्र देते हुए निम्न बिंदुओं पर आपका ध्यानाकृष्ट करते हुए त्वरित कार्रवाई करने की मांग समर्पित:-
(1) वर्ष 2017 में विभिन्न अंचलों में तेरह हजार भूमिहीनों का आवेदन दिया गया। जिसमें वासभूमि, पर्चेधारियों की दखलदेहानी एवं वासगीतपर्चा/ बन्दोबस्ती पर्चा शामिल है।
(2) वर्ष 2014 मे डीएमसीएच से अतिक्रमण के नाम पर सैकड़ों गरीब-भूमिहीन परिवारों को उजाड़ दिया गया। हमारी पार्टी लगातार वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करते रहे हैं। लोक निवारण प्राधिकार दूतीए अपील के आदेश से निर्गत पत्र के आलोक मे तत्कालीन जिलाधिकारी के ने 13 अगस्त 2018 को पुनर्वास समस्या का स्थायी समाधान हेतु अपर समाहर्ता के अध्यक्षता मे चार सदस्यीय कमिटी बनाई गई।
(3) सरकार द्वारा दलित-गरीबों के टोले पर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय खोलने, पंचायतों में +2 हाईस्कूल बनाने,प्रखण्डों में महाविद्यालय बनाने की घोषणा को जमीन पर लागू करने के लिए पहल किया जाए।
(4) भूमि विवाद का निपटारा अंचलाधिकारी, थाना की मिलकर साप्ताहिक करने को सकती से लागु की कार्रवाई किया जाय।
(5) बहादुरपुर प्रखण्ड के अंतर्गत डरहार नहर, वाजितपुर पंचायत के छिपलिया के गरीबों को तत्काल जमीन उपलब्ध कराई जाए।
(6) डीएमसीएच के विश्थापितों को सदर बहादुरपुर अंचलों में बसाया जाए।पण्डासराय के बगल मे बहादुरपुर मौजा के थाना नं 236 पुरानाखेसरा 879 के अंश से बना नया खेसरा 779 के कुल रकवा 2 कट्ठा 6 धुर, 881,882,883,891 के अंश से बना नया खेसरा 757,758 जिसका कुल रकवा 1 विघा 18 कट्ठा 18 धुर है। यानी कुल रकवा 2 विघा 1 कट्ठा 4 धुर है। शहरी गरीबों को बसाने योग्य भूमि है। यह बहादुरपुर अंचलाधिकारी के ज्ञापांक:- 195/23 जनवरी 2019 के आलोक मे सरकारी अमीन बहादुरपुर के नापी प्रतिवेदन से स्प्ष्ट होता है। इसमे अंचलाधिकारी, बहादुरपुर ने अपने स्तर पर एक भूमिहीन देवना देवी को भी भूमि उपलब्ध कराने के लिए हलककर्मचारी को निर्देश दिया है। भूमिहीन गरीब को जांच कर पर्चा दिया जाए।
(7) सम्पर्कपथ गोसलावर्तर, बहादुरपुर, रामवेड़ई महादलित टोल सदर, रुस्तमपुर,हायाघाट, गोढियारी, हनुमाननगर,मे दिलाया जाए।
(8) हायाघाट रुस्तमपुर के कड़ोड़ी 5 परिवार को इंदिरा आवास भी मिल चुका है। जमीन के आभाव मे अधर में लटका हुआ है।
(9) सदर के छपकी गंगबाड़ा भालपट्टी, मह्मदपुर, अदलपुर,बहादुरपुर के तरालाही हरना पोखर पर बसे लोगों को वासगीतपर्चा/बन्दोबस्ती पर्चा दिया जाए। सदर प्रखंड के छपकी मे वर्षों से बसे दलित परिवारों को उजाड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाया जाए।
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