संक्रमण से बचाव : अब 6 माह में लगेगी कोरोना की बूस्टर डोज
बूस्टर डोज को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया बदलाव विभाग ने चलाया अभियान
समस्तीपुर
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। श्रेणीवार लाभार्थियों को कोविड का टीका लगाया जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगाने के नियम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा बदलाव किया गया है। बूस्टर डोज अब 9 की जगह 6 महीने बाद ही लगवा सकेंगे। अगर आपने दूसरी डोज ले ली है तो आपको बूस्टर डोज के लिए 9 महीने की जगह 6 महीने या 26 हफ्ते इंतजार करना होगा। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि 18 से 59 वर्ष के सभी लोगों को अब 9 महीने के बजाय 6 महीने बाद बूस्टर डोज दी जाएगी। टीकाकरण पर सरकार की सलाहकार संस्था-नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन ने दूसरे और बूस्टर डोज के बीच के अंतर को कम करने की सिफारिश की थी।
18-59 साल के लिए बूस्टर डोज
नई एडवाइजरी के मुताबिक एसटीएससी ने कोरोना की बूस्टर डोज या प्रीकॉशनरी डोज के बीच के गैप को 6 महीने या 26 सप्ताह माना है। इस पर एनटीएजीआई ने अपनी संस्तुति दे दी है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि 18 से 59 साल के व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को 6 महीने या 26 सप्ताह के अंतराल के बाद दूसरी डोज दी जाए। यानी यदि आज किसी ने वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवायी है तो आज से 6 महीने पूरा होने के दिन वह बूस्टर डोज की दूसरी खुराक लगवा सकता है।
हर घर दस्तक अभियान के तहत भी दी जायेगी वैक्सीन
जिले में कोविड टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए हर घर दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। ताकि शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि हर घर दस्तक अभियान के दौरान बूस्टर डोज पर विशेष फोकस किया जाये और वंचित लाभार्थियों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाय.
60 साल से ऊपर के लोगों को मुफ्त बूस्टर डोज:
जो व्यक्ति 60 साल से ज्यादा के हैं, उन्हें सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में बूस्टर डोज मिलेगी। उनके लिए भी दो बूस्टर डोज के बीच का गैप छह महीने ही होगा। हेल्थवर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को भी मुफ्त में बूस्टर डोज लगेगी। इस वैक्सीन से संबंधित जानकारी को कोविन एप पर अपलोड कर दिया गया है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को व्यापक रूप से इसका प्रचार प्रसार करना होगा।