डा राजेन्द्र प्रसाद व खुदीराम बोस की जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान ने किया भावपूर्ण नमन

डा राजेन्द्र प्रसाद व खुदीराम बोस की जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान ने किया भावपूर्ण नमन

देश के पहले राष्ट्रपति एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रखर नायक डा. राजेंद्र प्रसाद एवं स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शनिवार को दोनों महापुरुषों को भावपूर्ण नमन किया। दोनों महापुरुषों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति का पद संभालने वाले डा. राजेन्द्र प्रसाद महात्मा गांधी के प्रबल समर्थक थे। वे भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में काफी योगदान दिया था। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय संविधान को बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं निडरता के प्रतीक खुदीराम बोस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे युवा क्रांतिकारियों में से एक थे। बोस को ब्रिटिश जज डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उनके फैसलों को भारतीय राष्ट्रवादियों के खिलाफ पक्षपाती, कठोर और अन्यायपूर्ण माना जाता था। 11 अगस्त, 1908 को बिहार की मुजफ्फरपुर जेल में 18 साल की उम्र में शाहिद खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि देशरत्न से भारतरत्न तक सफर तय करने वाले राजेन्द्र बाबू सादगी, सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति थे। भारतीय संविधान के निर्माण में उनकी अहम भूमिका के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। वहीं स्वतंत्रता आन्दोलन में युवा खुदीराम बोस का योगदान चिरस्मरणीय बना रहेगा। मौके पर विनोद कुमार झा, प्रो विजय कांत झा, डा गणेश कांत झा, प्रवीण कुमार झा, नवल किशोर झा, दुर्गा नन्द झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, मणिभूषण राजू आदि ने भी दोनों महापुरुषों को याद किया।

Check Also

चार दिवसीय जिला खेल महोत्सव हुआ समापन

🔊 Listen to this चार दिवसीय जिला खेल महोत्सव हुआ समापन   दरभंगा  चार दिवसीय …