पंडित अच्युतानंद झा का निधन संस्कृत जगत के लिए अपूरणीय क्षति:-डॉ निर्भय।।
आज भाजयुमो जिला अध्यक्ष डॉ निर्भय शंकर भारद्वाज की अध्यक्षता में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन टेक टार स्थित ऐतिहासिक बड़े दरवाजे पर किया गया जिसमें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंडित अच्युतानंद झा के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर डॉक्टर भारद्वाज ने कहा कि पंडित अच्युतानंद झा का जाना न केवल दरभंगा वरण संपूर्ण मिथिलांचल के लिए अपूरणीय क्षति है, खासकर संस्कृत साहित्य जगत इनके जाने से मर्माहत है। पंडित झा आधुनिक शिक्षा के विरोधी नहीं थे किंतु उनका मानना था कि हमें अपने प्राचीन संस्कारों एवं परंपराओं को भूलना नहीं चाहिए क्योंकि हमारी पहचान ही उसी से है।
अपने आवास पर मृत्यु से कुछ महीने पूर्व तक वेदों की शिक्षा दीक्षा प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार छात्रों को निशुल्क दिया करते थे।
इस अवसर पर गौरी कांत झा ने कहा कि पंडित जी हम सबके परिवारिक गुरु थे हम ही नहीं बल्कि इस इलाके के सभी लोग जब कभी कोई उस तरह की समस्या होती थी तो उनसे संपर्क कर उसका निदान जाना करते थे, उनका जाना हम सब के लिए व्यक्तिगत क्षति है।
अभी कुछ समय से पंडित जी बीमार चल रहे थे उनकी मृत्यु 90 वर्ष की अवस्था में हुई है।
सभा में बलदेव झा, कृष्ण देव झा,विमल किशोर झा,सूर्य नारायण झा, सत्यजीत झा, अविनाश झा,अमरनाथ झा, लल्लन झा,भवनाथ झा ,विनय कुमार झा, हाकिम था, डॉ अभय शंकर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
संवाददाता अजित कुमार सिंह दरभंगा news24live
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