नेट परीक्षा-2019 में संस्कृत के छात्र संजीत कुमार राम ने पायी सफलता
विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग ने संजीत को किया सम्मानित
संस्कृत विभाग,सी एम कॉलेज दरभंगा के पूर्व छात्र तथा पांता, सोनकी,दरभंगा निवासी स्वर्गीय गणेशी राम तथा श्रीमती शांति देवी के सुपुत्र संजीत कुमार राम ने प्राध्यापक पात्रता परीक्षा (नेट- दिसंबर,2019) में सफलता पायी।
इस सफलता से उनके गांव- समाज तथा सी एम कॉलेज,विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा मिथिला शोध संस्थान में प्रसन्नता है।ज्ञातव्य है कि संजीत आई कॉम पास कर डॉ आर एन चौरसिया की प्रेरणा से सी एम कॉलेज,दरभंगा में नामांकन ले संस्कृत प्रतिष्ठा प्रथम श्रेणी से 2013 में उत्तीर्ण होकर मिथिला शोध संस्थान,कबराघाट से स्नातकोत्तर प्रथम श्रेणी से पास हुए तथा वर्तमान में डॉ देवनारायण यादव के निर्देशन में शोधरत हैं।
आज विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में शिक्षकों एवं छात्रों ने संजीत की इस सफलता पर उन्हें माला पहनाकर तथा मिठाई खिलाकर हौसला अफजाई किया।संजीत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु डॉ देवनारायण यादव,प्रो रामनाथ सिंह,डॉ आर एन चौरसिया, डॉ जयशंकर झा, छोटे सदाय तथा अपनी मां शांति देवी व भाई महेंद्र राम एवं रंजीत राम को दिया। विभागाध्यक्ष प्रो जीवानंद झा ने पूरे विभाग की ओर से संजीत को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताया कि यथाशीघ्र प्राध्यापक पद पर चयनित होकर संजीत अपने परिवार-समाज तथा विश्वविद्यालय का नाम रौशन करेंगे।पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो आर एन सिंह ने कहा कि संजीत कुमार राम का प्रतिष्ठित परीक्षा नेट में सफलता प्राप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है,जो अन्य नेट के छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत है। मिथिला शोध संस्थान के निदेशक डॉ देवनारायण यादव ने कहा कि मेरे पर्यवेक्षण में शोधरत संजीत की सफलता से हम लोग गौरवान्वित हुए।
डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि संजीत शुरू से ही परिश्रमी और मिलनसार छात्र रहे हैं। ये संभवतः अनुसूचित जाति में दरभंगा में रहकर संस्कृत विषय से नेट करने वाले प्रथम छात्र हैं।अच्छे शैक्षणिक योग्यता के कारण संजीत का चयन शीघ्र ही संस्कृत प्राध्यापक के रूप में हो जाएगा।डॉ जयशंकर झा ने कहा कि संजीत की सफलता से संस्कृत जगत गौरवान्वित महसूस कर रहा है।ये अपनी शोध परियोजना पूरा करते प्राध्यापक बनकर समाजसेवा करेंगे।डॉ संजीत कुमार झा ने शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि ये संस्कृत के विकास में प्रयासरत रहेंगे, क्योंकि यह सिर्फ रोजगार ही नहीं,बल्कि आचार-विचार की भी भाषा है।डॉ ममता स्नेही ने आशा व्यक्त की कि संजीत संस्कृत के विकास और संवर्धन के लिए तत्पर रहते हुए दूसरे नेट छात्रों के लिए प्रेरक बने रहेंगे।
इस अवसर पर डॉ मंजू कुमारी,डॉ योगेंद्र महतो,कमलेश कुमार महतो,योगेंद्र पासवान,अजय कुमार राम,अमरजीत कुमार राम, विपुल कुमार सहित अनेक शिक्षक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
भवदीय डा आर एन चौरसिया,सी एम कॉलेज, दरभंगा
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