फाइलेरिया से दिव्यांग हुए लोगों को मिला प्रमाण पत्र, सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ

फाइलेरिया से दिव्यांग हुए लोगों को मिला प्रमाण पत्र, सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ

अब तक कैंप के दौरान 116 लाभार्थियों को मिला प्रमाण पत्र तथा 82 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट का हुआ हुआ
– संक्रमित लोगों को मृत समान बना देती है फाइलेरिया

सुपौल फाइलेरिया दुनिया भर में विकलांगता और विरूपता बढ़ाने वाला सबसे बड़ा रोग है. फाइलेरिया लोगों को अपंग बना देता है.सिविल सर्जन डॉक्टर मिहिर कुमार बर्मा ने बताया ऐसे मरीजों को शौच क्रिया के लिए भी दूसरों के सहारे की जरूरत पड़ती है और उन्हें तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दरअसल फाइलेरिया एक गंभीर बीमार है, यह व्यक्ति को पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप से अपंग अथवा दिव्यांग बना देती है। कई बार तो यह बीमारी इस कदर अपना असर दिखाती है कि व्यक्ति के लिए दैनिक क्रियाएं और रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है और पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से दूसरे पर निर्भर हो जाता है। इसी आलोक में जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में फाइलेरिया मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र वितरित किया गया. अब तक जिले के राघोपुर, त्रिवेणीगंज, पिपरा, सदर प्रखंड तथा छातापुर के 116 लाभार्थियों के बीच कैंप के दौरान दिव्यांग प्रमाण पत्र तथा 82 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. वहीं 6 अप्रैल को बसंतपुर 8 अप्रैल को किशनपुर 10 अप्रैल को सरायगढ़, 11 अप्रैल को निर्मली तथा 12 अप्रैल को प्रतापगंज में फाइलेरिया मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र का वितरण किया जाएगा. सर्जन ने बताया दिव्यांगता प्रमाणपत्र न बन पाने से वह सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं. जिले में ऐसे तमाम लोग हैं, जो फाइलेरिया से पीड़ित हैं और उनके लिए एक-एक कदम चलना और रोजमर्रा के काम करना भारी पड़ रहा है | इनमें से कई लोगों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया है तथा शेष लोगों को प्रखंड बार शिविर के माध्यम से प्रमाण पत्र वितरित किया जाएगा.

क्या है फाइलेरिया बीमारी:

केयर इंडिया के डीपीओ नसरीन बानो ने बताया फाइलेरिया बीमारी क्यूलैक्स मच्छर के जरिए फैलती है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। सही रोकथाम ही इसका समाधान है।

फाइलेरिया के लक्षण :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर दीप नारायण ने बताया फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं, जैसे कि अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, इस्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, अंडकोष में सूजन आदि। फाइलेरिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ :

फाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को दिव्यांग बना रही है। इस बीमारी की वजह से किसी की मौत भले ही न हो, लेकिन इस बीमारी से व्यक्ति मृत के समान हो जाता है। फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान पांच सालों तक लगातार फाइलेरिया से बचाव की दवा खानी चाहिए, जिससे कि फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी से बचा जा सके।

मौके पर सिविल सर्जन मिहिर कुमार वर्मा, डॉक्टर ठाकुर प्रसाद, डॉ मनोज कुमार, डॉक्टर दीप नारायण, भीबीडीसीओ विपिन कुमार, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पिंकी कुमारी, रंजन कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.

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