‘अनुसंधान पर निर्भर है विज्ञान का लाइफलाइन’
107वें इंडियन साइंस कांग्रेस के अंतर्गत आईसीटी सेक्शन का शुभारंभ करते हुए सेक्शनल सेक्रेटरी प्रो एम एन होदा ने कहा
कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तकनीक सरकारी योजनाओं को सुदूर ग्रामीण इलाके के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में काफी मददगार साबित हो रही है। साथ ही, समाज में बराबरी लाने में भी यह काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऐसे में यह निर्विवाद सत्य है कि आने वाले दशक में विज्ञान की भूमिका काफी अहम होने वाली है और इसके लिए हमें अभी से ही खुद को तैयार करना होगा।
इस अवसर पर कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट प्रो अक्षय कुमार नायक ने नेशनल साइंस फाउंडेशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि शोध पत्रों के प्रकाशन के क्षेत्र में भारत तीसरे स्थान पर आ गया है । लेकिन इसने हमारी जवाबदेही भी काफी बढ़ा दी है। सर्वोच्च स्थान हासिल करने के लिए उन्होंने युवा वैज्ञानिकों का अभी से ही खुद को तैयार करने में जुट जाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए रिकॉर्डर की भूमिका निभा रहे सीएम साइंस कॉलेज के भौतिकी विभाग के शिक्षक डॉ अजय कुमार ठाकुर ने कहा कि अनुसंधान पर विज्ञान का लाइफलाइन निर्भर करता है। अनुसंधान को प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने मानव उपयोगी एवं समाज के मूलभूत जरूरतों को शोध के विषयों में प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
‘यंग साइंटिस्ट अवार्ड’ के लिए आईसीटी सेक्शन के तहत कुल चार प्रतिभागियों ने अपना पीपीटी प्रस्तुत किया। इसके परिणाम की घोषणा 7 जनवरी को समापन समारोह में की जाएगी। कार्यक्रम के अंतिम चरण में रिकॉर्डर डॉ अजय कुमार ठाकुर के नेतृत्व में सत्र 2020-21 के लिए सेक्शनल कमेटी के सदस्यों का चुनाव किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से चारों जोन से एक-एक सदस्य निर्वाचित घोषित किए गए।
इस अवसर पर आईसीटी के पूर्व सेक्शनल सेक्रेटरी प्रो एम सुंदरेशण, सीएमआरटी के प्रो पीएन सिंह, लोकल सेक्रेटरी प्रो मंजूनाथ, बिहार विश्वविद्यालय के डॉ डीपी दास, सीएम साइंस कॉलेज की भौतिकी विषय की शिक्षिका डॉ रश्मि रेखा, आईक्यूएसी सहायक प्रवीण कुमार झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही ।