बाल श्रम निषेध दिवस विशेष: बाल मजदूरी के अभिशाप से मुक्त हैं सीतामढ़ी जिला का बथनाहा प्रखंड क्षेत्र
सीतामढ़ी:अपने बच्चों का ख्याल तो सभी रखते हैं, लेकिन जो बच्चे घुटन ओर बाल मजदूरी की जिंदगी जी रहे हैं, उनकी जिंदगी बदलने की जिम्मेदारी कौन उठाये? लेकिन सीतामढ़ी जिला के बथनाहा प्रखंड में बचपन बचाओ आंदोलन, श्रम विभाग एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी बथनाहा की अनूठी पहल से अब बथनाहा प्रखंड क्षेत्र बाल श्रम मुक्त क्षेत्र बन गया है । बथनाहा प्रखंड बाल श्रम मुक्त क्षेत्र घोषित होने से सीतामढ़ी के गौरवशाली इतिहास में एक और उपलब्धि जुड़ा है और सीतामढ़ी जिला विकास की राह पर सतत अग्रशील है। जरूरत है की हमसब मिलकर बाल श्रम पर पूर्णत अंकुश लगाने के लिए प्रयास करे ताकि प्रखंड क्षेत्र में किसी भी बच्चे से बाल श्रम न करवाया जा सके। लगातार प्रयास से प्रखंड क्षेत्र के प्रतिष्ठान, दूकान , होटल आदि में कोई भी बाल श्रमिक कार्य नहीं करते है। बीते एक जुन को बथनाहा प्रखंड को बाल श्रम मुक्त क्षेत्र की घोषणा श्रम अधीक्षक सीतामढ़ी सुबोध कुमार के द्वारा की गई है। गौरतलब हैं की नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थपित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन ने बाल श्रम मुक्त बथनाहा प्रखंड क्षेत्र को बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर अनूठी पहल की शुरुआत की थी। बचपन बचाओ आंदोलन , श्रम विभाग के साथ मिलकर रोको टोको अभियान की शुरुआत बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बथनाहा प्रखंड क्षेत्र में कर रही हैं ताकी प्रखंड क्षेत्र में किसी भी बच्चे से बाल श्रम नहीं करवाया जा सके। बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि मुकुंद कुमार चौधरी का मानना हैं की बाल श्रम नियोजक की दया नहीं सस्ती श्रम और शौषण की देन हैं बाल श्रम से बच्चों को मुक्त करवाने के समय उन्होंने हमेशा यह महसूस किया हैं की बाल श्रम करने वाले हर एक बच्चा प्रतिभावान हैं उन्हें शौषण से बचाने की अवसर की जरूरत हैं। बचपन बचाओ आंदोलन बाल मजदूरी को बिल्कुल खत्म करके ही मनेगा ताकी हर एक बच्चे को उनका अधिकार मिल सके।