एसएसबी 20 वी बटालियन एवं बचपन बचाओ आंदोलन के संयुक्त पहल पर सीतामढ़ी पुलिस एवं बीडीओ के सहयोग से कम उम्र के लड़के का रूकवाया गया बाल विवाह
बाल विवाह निषेध अधिनियम लड़के की शादी के लिये 21 वर्ष और लड़की के लिए 18वर्ष निर्धारित करता है : बीडीओ
सीतामढ़ी: कम उम्र के लड़के का बाल विवाह होने से एसएसबी 20 वी बटालियन मेजरगंज “सी”समवाय कमांडर अमित कुमार (आसिस्टेंड कमांडेंट), नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन,डीएसपी सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई राकेश कुमार रंजन , प्रयास संस्था एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी बथनाहा अजीत कुमार प्रसाद के संयुक्त पहल से शुक्रवार की देर रात्री को रूकवाया गया। जानकारी के अनुसार मेजरगंज चेक पोस्ट पर एसएसबी की टीम ने संदेह पर सीतामढ़ी जिला के बथनाहा प्रखंड क्षेत्र के निवासी एक लड़की एवं लड़के से पूछताछ की जिसमें परिवार के बिना सहमती के घर से चोरी छिपे शादी के लिए घर से निकलने का मामला सामने आया बथनाहा प्रखंड के एक मंदिर में शादी करने के लिए मेजरगंज चेक पोस्ट से लड़का एवं लड़की जा रहे थे जिसके बाद वह लोग शादी कर अपने घर वापस जाते । पुछताछ में यह पता चला कि लड़की का उम्र विवाह योग्य था लेकिन लड़के का उम्र शादी के लिए योग्य नहीं था। लड़की अपने मौसी के घर नेपाल में रह रही थी लड़के से विवाह करने के उसने लड़के को मेजरगंज बुलाया था ताकि बथनाहा प्रखंड के मंदिर में शादी कर वह लोग घर वापस जाते लेकिन एसएसबी एएचटीयू के प्रभारी संदीप कुमार ने बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि मुकंद कुमार चौधरी एवं प्रयास संस्था के अब्दुल मालिक खान को इसकी सुचना दी। जिसके उपरांत बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक प्रोजेक्ट ऑफिसर मुकंद कुमार चौधरी ने डीएसपी सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई राकेश कुमार रंजन एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह निषेध अधिकरी,बथनाहा अजीत कुमार प्रसाद को जानकारी दी की लड़के का उम्र 18 वर्ष तीन माह हैं जो विवाह योग्य नहीं हैं । जिसके उपरांत त्वरित कार्रवाई करते हुए एसएसबी 20 वी बटालियन एवं मेजरगंज थाना के सहयोग से बंध पत्र थाना में बनवाकर कम उम्र के बालक के बाल विवाह को रुकवाकर लड़के एवं लड़की को परिवार को सुरक्षित सोपा गया। इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह निषेध अधिकरी बथनाहा अजीत कुमार प्रसाद ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम पुरुषों के लिये न्यूनतम 21 वर्ष एवं लड़की के लिए 18 वर्ष निर्धारित करता है फलस्वरूप बचपन बचाओ आंदोलन एवं एसएसबी के द्वारा सुचना मिलने पर बाल विवाह होने से रूकवाया गया है। बाल विवाह शिक्षा , स्वास्थ्य और बचपन पर नकारात्मक प्रभाव डालता हैं। बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़के लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी होता हैं। श्री प्रसाद ने कहा की बाल विवाह निषेध अधिनियम के अन्तर्गत आर्थिक दंड के साथ कारावास की सजा का भी प्रावधान है।