डेंगू से बचाव के लिए टीपीडीसी भवन में अंतरविभागीय अधिकारी के साथ हुई बैठक
•विभागीय समन्वय से जिले में होगा डेंगू पर वार
•डेंगू से बचाव व आगामी एमडीए राउंड की दी गई जानकारी
•साफ स्थिर पानी में पनपते हैं एडीज के मच्छर
•दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी
दरभंगा
बरसात प्रारंभ होने के साथ ही डेंगू एवं चिकनगुनिया के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है इसको लेकर स्वास्थ विभाग के द्वारा सोमवार को टीपीडीसी भवन में सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार की अध्यक्षता में आईसीडीएस, शिक्षा विभाग जीविका तथा अन्य विभागों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें डेंगू से बचाव तथा आगामी 10 अगस्त से चलने वाले सर्व जन दवा वितरण कार्यक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा की गई सिविल सर्जन ने बताया वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जुलाई माह में एंटी डेंगू माह मनाया जा रहा है जिले के स्कूलों सहित अन्य जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे है। जन समुदाय को उचित योजना के तहत डेंगू की रोकथाम एवं गतिविधि में जन समुदाय की सहभागिता जरूरी है। उन्होने सभी विभाग के पदाधिकारियों से अपील की कि मच्छर प्रजनन स्थलों को चिह्नित कर तथा मच्छर प्रजनन रोकने के उपाय के बारे में आम जनता को जागरूक करने पानी की टंकी तथा घरों के अंदर साफ पानी जमा करने के बर्तनों को ढककर रखने, दिन में मच्छरों के काटने से बचाव को लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय को अपनाने, विद्यालय में डेंगू पर आधारित कुछ विशेष गतिविधि जैसे क्यूज, ड्रॉइंग कंप्टीशन इत्यादि गतिविधियों का आयोजन पर लोगों को जागरूक करें।
एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू :
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।
समय पर इलाज कराने पर मरीज हो जाता स्वस्थ्य :
डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर दिलीप कुमार झा ने बताया सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद जैसा कहेंगे, उसके अनुसार अपना इलाज करवाएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है। समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।
दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :
डॉ झा ने बताया कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।
डेंगू के लक्षण :
•अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
•मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
•आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
•जी मिचलाना एवं उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
•त्वचा पर चकत्ते उभरना।
बचाव के उपाय:
•एडीज के मच्छर साफ स्थिर पानी में पनपते हैं
•कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें एवं धूप में सुखाकर प्रयोग करें
•घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली परदे लगाए।