दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में राजभवन, पटना के निर्देश के आलोक में दो दिवसीय नैक कार्यशाला के आज अंतिम दिन नैक ग्रेडिंग को लेकर राज्य के सारे विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।
आज पहले सत्र में नैक फाॅर्मेट से संबंधित सूचना संप्रेषण तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया तथा नैक से संबंधित छोटी-छोटी जानकारियां आधार संसाधन पुरूष प्रो0 प्रतोष बंसल एवं प्रो0 शफीक अंसारी के द्वारा दिया गया। प्रतिभागियों के संशय का निराकरण बड़ी सहजता से संसाधन पुरूष के द्वारा किया जाता रहा। पहले सत्र में ही सूचना संप्रेषण तकनीक से संबंधित प्रतिभागियों को समूहों में विभाजित कर प्रस्तुतिकरण का अवसर दिया गया साथ ही तथ्य वैधता की जाँच के तरीकों का भी प्रशिक्षण दिया गया और अंत में सभी प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया।
दूसरे सत्र में एवं समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहें प्रतिकुलपति प्रो0 जय गोपाल ने विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये हुए प्रतिभागियों के प्रति विश्वविद्यालय की ओर अभार व्यक्त किया एवं कहा कि आप इस कार्यशाला में अपने-अपने विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में भाग ले रहें है तथा आगामी होनेवाले नैक मूल्यांकन में आपका किरदार विश्वविद्यालय के प्रति अहम होगा। प्रो. जयगोपाल ने कहा कि मेरे चालिस वर्षों के शिक्षण अनुभव में आप जैसे युवा शिक्षक के प्रति सप्रेम आदर है कि आप के जिम्मे विश्वविद्यालय ने एक अहम जिम्मेदारी दी दी है जिसे आप अपने सहपाठियों के साथ यहाॅ बताये हुए प्रस्तुतिकरण आपस में विमर्श कर एक देसरे को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस युग में जहाँ शिक्षा का स्तर काफी उच्चतर हो रहा वहीं नैक मूल्यांकन पद्वति शिक्षा के गुणवत्ता को परखने एवं उसके मापदंड को सही करने का इस पैमाना है जिसे आप जैसे युवा शिक्षकों को ही बेहतर बनाना है। उन्होंने एस.एस.आर. पर विस्तारपूर्वक कहा कि आपका इस रिर्पोट पर ही आपके विश्वविद्यालय के अन्र्तगत ही विभिन्न महाविद्यालयों के क्रियाकलाप की सूची निर्भर करती है कि नैक के पैरामिटर के अनुसार कितना बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है महामहिम द्वारा हमें आपसबों से इस नैक कार्यशाला के द्वारा एक दूसरे के बिचारों एवं सहयोग की भावनाओं को समझने का मौका मिला। अंत मे उन्होंने आये हुए प्रतिभागियों से कहा कि प्रतिभागी अपने-अपने विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण का दायित्व निर्वहन करेंगे और वहां अधिक से अधिक महाविद्यालय नैक के मानदंड पर अपने आप को तैयार करेंगे। दूसरे सत्र में ही कार्यशाल से संबंधीत अपने फिडबैक देते हुए डाॅ0 रेनु सिंह, बी0एन0 मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, डाॅ0 रनविजय सिंह, मुंगेर विश्वविद्यालय तथा रौशन कुमार, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने अपने उद्घोषण में इस कार्यशाला से संतुष्ट होते हुए कहा कि वे अपने-अपने विश्वविद्यालयों में विभिन्न महाविद्यालयों को प्रशिक्षण देकर नैक प्रक्रिया को उपयोग में लाएंगे तथा यह कार्यशाला हम सभी के लिए तभी लाभदायक होगा जब इस कार्यशाला की मूल्यता अपने सहपाठियों के बाॅट सकेंगे। कार्यशाला में आए प्रतिभागीयों ने यहां की व्यवस्था एवं शिक्षण पद्धति को बहुत सराहा तथा विश्वविद्यालय के एतिहासिक परिसर की सून्दरता की भी चर्चा की। समापन सत्र में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने कहा कि ये हम सभी के लिए गौरव की बात तभी होगी जब इस कार्यशाला का लाभ बिहार के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को मिलेगा। उन्होंने विश्वासपूर्ण कहा कि मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप सभी प्रतिभागियों से निश्चित रूप से बिहार को शैक्षणिक रूप से लाभ मिलागा। कार्यक्रम के अंत मे प्रतिभागियों के प्रमाणपत्र भी अध्यक्ष के द्वारा दिया गया। दो दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित प्रतिवेदन आई0क्यू0ए0सी0 समन्वयक, डाॅ0 शिशिर कुमार वर्मा के द्वारा प्रस्तुत किया गया एवं कार्यशाल मे धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 बी0बी0एल0 दास के द्वारा जबकि मंच का संचालन डाॅ0 दिवाकर झा के द्वारा किया गया।