15 वर्षों से बिहार में पुस्तकालय अध्यक्ष व सहायकों की नही हुई बहाली, छात्रों ने की बैठक, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी बहाली के लिए संघर्ष की बनी राजनीति
पुस्तकालय बहाली के लिए लाखों छात्र सड़क पर संघर्ष करने के लिए है मजबूर, सरकार है उदासीन:- शरद कुमार सिंह
दरभंगा मिथिला विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय प्रांगण में जिला के सैकड़ो छात्रों ने लगभग 15 वर्षों से पुस्तकालय सहायक व अध्यक्षों की बहाली नहीं होने के खिलाफ एक संयुक्त बैठक ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष शरद कुमार सिंह की अध्यक्षता में की। जिसमें छात्रों ने पुस्तकालय के खिलाफ सरकार के उदासीन रवैये पर नाराजगी व्यक्त की। वही संगठन के जिला अध्यक्ष शरद कुमार सिंह ने कहा कि सरकार बिहार के शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है। बेहतर पुस्तकालय के बिना बेहतरीन शिक्षा की परिकल्पना झूठी मात्र है। किसी भी शिक्षण संस्थान में अगर पुस्तकालय बेहतर नहीं रहेंगे तो वहां बेहतर पढ़ाई की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। बेहतर पुस्तकालय निर्माण के लिए पुस्तकालय सहायक व अध्यक्षों की बहाली जरूरी है। सभी को ज्ञात है कि सभी शिक्षण संस्थानों में पुस्तकालय सहायक व अध्यक्षों की 90% सीटे रिक्त है। वहीं छात्रों के अनुपात में पुस्तकालय की क्षमता को भी बढ़ाने की आवश्यकता है। छात्रों के अनुपात जिस स्तर पर बढ़ रहा है उस स्तर पर पुस्तकालय में सहायकों व अन्य कर्मियों की भी संख्या बढ़ाकर सभी सीटों पर बहाली करनी होगी। पुस्तकालय समाज के प्रगति का एक मजबूत साधन है। लेकिन बिहार सरकार 2008 ई के बाद आज तक पुस्तकालय में किसी भी पद पर कोई नियुक्ति नहीं की है। यह सरकार के शिक्षा व पुस्तकालय विरोधी रवैया को दर्शाता है। विगत 15 वर्षों में लाखों छात्रों ने अलग-अलग संस्थाओं से पुस्तकालय विज्ञान का बैचलर और मास्टर डिग्री कोर्स किया है। सरकारी संस्थान भी इस कोर्स के नाम पर मोटी रकम छात्रों से वसूली लेती है। लेकिन इस क्षेत्र में कोई बहाली नहीं देती है। छात्रों ने दो टूक बिहार सरकार से कहा कि अगर बहाली लेने की कोई मंशा नहीं है तो बिहार के अंदर इस कोर्स को बंद कर दिया जाए। वहीं छात्रों ने रणनीति के तहत बहाली के लिए एक जुटता दिखाते हुए आगामी कार्यक्रम को तय किया है। उन्होंने ट्विटर कैंपेन, छात्रों व आमजनों के बीच सरकार के उदासीन रवैया को लेकर कैम्पेन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपने और जिला व प्रदेश स्तर पर आन्दोलन साथ ही सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष को तेज करने की रणनीति बनाई। छात्रों ने कहा कि हम अभी लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बहाली की मांग करते हैं। अगर सरकार और ज्यादा समय लगायी तो हम लोग अपने आंदोलन को उग्र भी करेंगे। वही सरकार को इसका खामियाजा आने वाली चुनाव में भी भूगतना पड़ेगा। छात्रों ने कहा कि हम कई लाख छात्र बिहार में लाइब्रेरी साइंस की डिग्री लिए हुए हैं। इस लाखों छात्र पर कई लाख परिवार डिपेंड है और सभी सरकार से बहाली नहीं देने के कारण रूष्ट है। जिसका बड़ा खामियाजा सरकार को उठानी पड़ेगी। मौके पर संगठन को विस्तार करते हुए पुनः जिला अध्यक्ष पद पर शरद कुमार सिंह,
जिला सचिव पद पर राम सुंदर चौरसिया, जिला कोषाध्यक्ष पद पर विजय कुमार, जिला उपाध्यक्ष पद पर कृष्णा कुमार पासवान , रवीश कुमार, राकेश रौशन, राजा जी प्रसाद, मीडिया प्रभारी प्रिंस राज, सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कुमार, विक्रम कुमार झा, सह सचिव गणपति कुमार, रौशन कुमार, राजेश कुमार, महिला प्रभारी रूबी कुमारी,
सह महिला प्रभारी प्रियंका कुमारी, सगुफी शाहिदा , प्रभा कुमारी को सर्वसम्मति से चुना गया। वहीं बैठक में संतोष कुमार ठाकुर, श्याम कुमार, लक्ष्मण कुमार कुशवाहा, दीपक कुमार पंडित, प्रियंका कुमारी, भोली कुमारी, कन्हैया कुमार, श्रवण कुमार, गणेश कुमार बंसल, अंजू कुमारी, स्वाति कुमारी, मोहम्मद इराक, मिहिर कुमार, नैंसी प्रिया, रोशन प्रजापति, विक्की कुमार, आदित्य कुमारी, सोनम कुमारी, गीता कुमारी, शबाना नाज, विक्रम कुमार, कुंदन कुमार, आशीष राज, विजय कुमार, सपना झा, कविता कुमारी, संगम झा, शगुफा नाज आदि उपस्थित थें।