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बाल विवाह का गांव में अंत कर महादलित बस्ती दूबे टोला गांव बना रोल मॉडल, सुरक्षित बचपन दिवस पर ग्राम पंचायत घोषित कर देगी बाल विवाह मुक्त को मूर्त रुप

बाल विवाह का गांव में अंत कर महादलित बस्ती दूबे टोला गांव बना रोल मॉडल, सुरक्षित बचपन दिवस पर ग्राम पंचायत घोषित कर देगी बाल विवाह मुक्त को मूर्त रुप

सीतामढ़ी : राज्य सरकार के द्वारा बाल विवाह जैसी कुरीतियों के अंत के खिलाफ निरंतर अनूठी पहल एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थपित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन व ग्राम पंचायत राज बथुआरा के सार्थक प्रयास से सीतामढ़ी जिला अंर्तगत परिहार प्रखंड के दूबे टोला गांव ( महादलित बस्ती) में बाल विवाह मुक्त गांव की परिकल्पना साकार अपने मूर्त रूप देने के लिए हो गई हैं। जिला प्रशासन, सीतामढ़ी पुलिस , ग्राम पंचायत,बाल संरक्षण समिति , सशस्त्र सीमा बल एवं बचपन बचाओ आंदोलन के संयुक्त सहयोग से पिछले तीन वर्ष में दूबे टोला गांव में निरंतर कीए गए पहल पर “जन जागरूकता ही बदलाव की कूजी हैं” इस उधेश्य के तहत जन जागरण की भावना बाल विवाह जैसी कुरीतियों के अंत के खिलाफ जागृत हुई हैं स्थानीय ग्रामीणों ने सत्यनिष्ठा पूर्वक स्व घोषणा पत्र के माध्यम से गांव को बाल विवाह मुक्त बनाने का निर्णय लिया है और बथुआरा पंचायत के मुखिया सह अध्यक्ष पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति धनेश्वर पासवान को घोषणा हेतु अग्रेसीत किया हैं। इस संदर्भ में मुखिया धनेश्वर पासवान ने बताया कि निरंतर प्रयास का यह परिणाम हैं ग्रामीणों ने स्व घोषणा पत्र सौंपकर हमें अग्रेसित किया है आगमी 11 जनवरी बाल विवाह मुक्त गांव को मूर्त रुप देने हेतु सुरक्षित बचपन दिवस के अवसर पर”बाल विवाह मुक्त टोला गांव घोषणा कार्यक्रम सह मांझी महोत्सव” का आयोजन किया जाएगा। वही दूबे टोला गांव के बाल संरक्षण समिति के सद्स्य चंदन मांझी ने ग्रामीण, मुखिया एवं बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमलोग का वर्षो का संघर्ष बाल विवाह जैसी कुरीतियों के अंत के खिलाफ सफल होगा और जिला में हमारा महादलित बस्ती रोल मॉडल के रुप में बाल विवाह के खिलाफ प्रेरणा स्रोत बन सकेगा मुखिया जी के नेतृत्व में सभी ग्रामीणों के समर्थन से आगमी 11 जनवरी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी के जन्मदिन पर गांव को बाल विवाह मुक्त घोषित करने का निर्णय लिया गया है चुकी उनके संगठन बचपन बचाओ आंदोलन एवं दूबे टोला के सभी ग्रामीणों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमें पूर्ण विश्वास हैं की बाल विवाह की कुरीतियों के अंत पर इस ऐतिहासिक पहल को सभी लोगों का समर्थन मिलेगा।

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