वंडर एप के सही कार्यान्वयन को लेकर जागरूकता जरूरी- डीएम
गर्भवती महिलाओं व शिशु के सफल चिकित्सा के लिये वरदान साबित होगा वंडर एप

दरभंगा मेडिकल कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय सुरक्षित प्रसव कार्याशाला का समापन
दरभंगा. डीएमसी ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सुरक्षित प्रसव संबंधी कार्यशाला का समापन बुधवार को हो गया. इस दौरान डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने वंडर ऐप के सही कार्यान्यवन से मातृ व शिशु मृत्यू दर कम करने को लेकर जानकारी दी. डॉ एसएम ने बताया कि प्रधान सविव के निर्देश से इस एप को पुरे बिहार में लागू किया जायेगा. ऐप के माध्यम से अस्पतालों में महिला मरीजो को ससमय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. यह महिला मरीजों के लिये वरदान साबित होगा. साथ ही बच्चों को सही देख- रेख में मदद मिलेगी. अस्पतालों में कम्पयूटर ऑपरेटर को सभी महिला मरीजों का हिस्ट्री डिटेल व अन्य जानकारी इन्ट्री करने को कहा गया है. डीएम ने कहा कि ऐप पर डाटा प्रविष्टि हो जाने से भविष्य में भी उस महिला मरीजों को किसी प्रकार का बिमारी होने पर एर्लट जेनरेट हो जाता है. उस एर्लट से संबंधित अस्पताल के चिकित्सक व कर्मी सचेत हो जाते हैं. अस्पताल आने से पूर्व चिकित्सा संबंधी पुरी तैयारी कर ली जाती है. अस्पताल आने पर उसका समुचित इलाज तत्तक्षण शुरू हो जाता है. इससे संबंधित महिला मरीजों की मृत्यू दर में कमी आयेगी. इसके आशातीत परिणाम निकलने की संभवना है. इसके लिये आम जन व जन प्रतिनिधियों को भी जागरूक होना होगा. डीएम ने कहा कि प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार व शनिवार को शिविर लगाकर वंडर एप की जानकारी दी जायेगी.
प्रसव के दौरान चमकी आने पर रखे सावधानी
कार्यशाला के दौरान डॉ नरेन्द्र खलपला ने बताया कि प्रसव के दौरान गर्भवती महिला का गहन देख रेख होना आवश्यक है. इस दौरान मरीज के चमकी आने पर चिकित्सक व लेबर रूम के कर्मियों को विशेष प्रकार की सावधानी रखनी चाहिये. महिला का मुंह का लागातार प्रेक्षण करना चाहिये. इस दौरान असावधानी बरतने पर जीभ भी कट जाता है. इससे मुंह से खुन बहने लगता है. इसलिये महिला मरीज के मुंह को खोलकर रखना जरूरी होता है. साथ ही सुरक्षित प्रसव के लिये अन्य चिकित्सा संबंधी सुविधा मुहैया करानी चाहिये.
प्रसव का लाइब डेमो कर दिखाया
डॉ नजमा ने सुरक्षित प्रसव को लेकर लाइव डेमो कर दिखाया. बताया कि गर्भवती महिलाओं को लेबर रूम में किस प्रकार चिकित्सा किया जाय. इस दौरान असमान्य स्थिति होने पर चिकित्सा कर उस महिला की जान बचायी जा सकती है. लेबर रूम में प्रसव के दौरान चमकी आने पर चिकित्सक की ओर से की गयी चिकित्सा का लाइब डेमो कर दिखाया गया. इसको लागू करने के लिये लेबर रूम के चिकित्सक व एएनएम को विस्तार से प्रशिक्षित किया. मौके पर सीएस डॉ एएन झा, डीआईओ, चिकित्सकए स्वास्थ्य कर्मी, यूनिसेफ व केयर के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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