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दीदियों ने पौधरोपण कर जिलेवासियों को जल-जीवन-हरियाली का दी संदेश  • जीविका दीदियों ने शपथ लिया कि हम मिट्टी, जल एवं वायु का संरक्षण करेंगे, हरे भरे पेड़ को नहीं काटेंगे { ajit कुमार सिंह की रिपोर्ट }

दीदियों ने पौधरोपण कर जिलेवासियों को जल-जीवन-हरियाली का दी संदेश

 

 

दरभंगा  • आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दरभंगा की जीविका दीदियों ने पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को समझाते हुए वन-महोत्सव के रूप में उत्साह से मनाया।

हमारा जीवन पेड़ पौधे पर ही आश्रित है ।पेड़ पौधे से फल फूल भोजन के अलावे विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां आयुर्वेदिक दवाएं, इमारती लकड़ियां आदि प्राप्त होती है। पेड़ पौधे पर्यावरण से हानिकारक गैस कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर प्राण वायु ऑक्सीजन देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है ।  बिना पेड़ पौधे के हमारा जीवन संभव नहीं है। हमें आगे आकर अपने-अपने परती स्थानों पर पौधा रोपण कर आने वाली पीढियां को सुखद भविष्य दे सकते हैं। पेड़ पौधे के पास चार से पांच डिग्री तापमान कम पाया जाता है। पेड़ पौधे के नीचे जीवों और उपर पक्षियों का बसेरा होता है। बिहार सरकार के द्वारा नित्य प्रति पेड़ पौधे को क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. निःशुल्क पौधे का वितरण किया जाता है ।

जीविका दीदियों ने सामुदायिक संगठनों अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर सभी को पर्यावरण की सुरक्षा की शपथ दिलायी।

इस अवसर पर जिले की हजारों जीविका दीदियों ने पौधरोपण कर जल-जीवन-हरियाली का संदेश दिया। संकुल संघों में पिको प्रोजेक्टर के द्वारा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित विडीयो दिखा कर ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, व अन्य पर्यावरण खतरों के साथ इससे होने वाले नुकसान व बचाव के तरीकों के बारे में बताया गया।

जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. ऋचा गार्गी ने कहा पर्यावरण संरक्षण हमारे आज के साथ आने वाली पीढ़ियों को भी एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

मानव और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को समझाते हुए जीविका दीदीयां पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

संचार प्रबंधक राजा सागर ने बताया दरभंगा जिला की जीविका दीदीयां स्वावलंबन से पर्यावरण संरक्षण तक सफलता की कहानियाँ लिख रही हैं।

जिले में आधुनिक विधि से कृषि, बागबानी, किचन गार्डन, पोषण बगीचा, दीदी की नर्सरी, मछली पालन,मिट्टी जांच केंद्र, कृषि उधमी व अन्य सेवाओं के साथ जीविका दीदीयां रोजगार से जुड़ रही हैं।

वहीं जिले में पर्यावरण सुरक्षा व हरियाली का सशक्त संवाद भी स्थापित कर रही हैं।

सामाजिक विकास प्रबंधक नरेश कुमार ने कहा जीविका दीदियां अब हरियाली के अग्रदूत के रूप आगे आ रही है, जो प्रकृति की सुरक्षा की दृष्टि से काफी शुभ संदेश है।

जीविका दीदी की नर्सरी जीविका दीदियों के लिए एक वरदान साबित हुआ। एक ओर नर्सरी से दीदी को एक नया रोजगार का साधन मिला है तो दूसरी ओर पर्यावरण के सुरक्षा हेतु समझ विकसित हुई है।

सभी जीविका दीदियों ने शपथ लिया कि हम मिट्टी, जल एवं वायु का संरक्षण करेंगे, हरे पेड़ को नहीं काटेंगे।

हम प्रत्येक वर्ष कम से कम एक पौधा जरूर लगाएंगे एवं उसकी सुरक्षा करेंगे,पानी का उचित उपयोग करेंगे, घर में किचन गार्डन लगाएंगे।

 

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