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मधुबनी/  परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल की गयी है। सास एवं बहू के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाई जा रही है।

सास-बहू सम्मेलन में महिलाओं को दी गयी परिवार नियोजन की जानकारी

• स्थाई व अस्थायी साधनों पर हुई चर्चा
• बैलून के माध्यम से किया गया जागरूक

मधुबनी/  परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल की गयी है। सास एवं बहू के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाई जा रही है।

दरभंगा news24live रिपोर्ट ajit kumar singh

जिले के विसफी प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों संख्या 44 पर सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें आने वाली सास-बहू की जोड़ियों को परिवार नियोजन के स्थाई तथा अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी दी गयी तथा साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। सास-बहू सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा सास-बहू के जोड़ियों के साथ खेल खेला गया। जिसमें सास-बहू की जोड़ियों ने काना-फूसी की। इसके माध्यम से यह संदेश दिया गया कि परिवार नियोजन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें। बल्कि आशा या एएनएम के द्वारा बताये गये परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करें।

परिवार नियोजन के इन साधनों पर हुई चर्चा:
डीसीएम नवीन दास ने बताया सास-बहू सम्मेलन के माध्यम से परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी जाती है । स्थायी साधनों में महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी एवं अस्थायी साधनों में कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा सामुदायिक स्तर पर नवीन गर्भनिरोधक ‘अंतरा एवं ‘छाया’ के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं ‘छाया’ गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है।
बैलून के माध्यम से संदेश:
केयर इंडिया के परिवार नियोजन के डीटीओ- ऑन महेंद्र सिंह ने बताया सास-बहू सम्मेलन के दौरान सास और बहू को चार पांच बैलून गोद में दिया जाता है और उसे संभालकर रखने को कहा जाता है। लेकिन चार पांच में से एक-दो बैलून हाथ से छूट कर गिर जाता है। फिर एक जोड़ी सास-बहू को दो बैलून दिया जाता है जिसे वे असानी से पकड़ लेती हैं और नीचे नहीं गिरता है। जिससे यह संदेश दिया जाता है कि अगर ऐसे हीं चार पांच बच्चे होंगे तो संभालना मुश्किल होगा। इससे आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। दो बच्चों को बाद परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
सम्मेलन में दिया जाता है पुरस्कार
सामुदायिक स्तर पर लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़ा चलाया जा रहा है. यह अभियान 14 जनवरी से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान अधिक से अधिक लोगों को परिवार नियोजन पर जागरूक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसी क्रम में सामुदायिक स्तर पर सास-बहू सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है. सम्मेलन में परिवार नियोजन पर जागरूक सास बहू को सूक्ष्म पुरस्कार जैसे बिंदी, ऐनक,कंघी, नेलकटर,काजल देकर प्रोत्साहित किया जाता है.

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