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“दरभंगा में स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ विरोध: ब्लड डोनर एसोसिएशन का पुतला दहन और धरना जारी”

“दरभंगा में स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ विरोध: ब्लड डोनर एसोसिएशन का पुतला दहन और धरना जारी”

दरभंगा  बिहार ब्लड डोनर एसोसिएशन की ओर से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का स्वरूप तेजी से बढ़ रहा है। आज दरभंगा के लहेरियासराय टावर पर एसोसिएशन की दरभंगा इकाई ने मंत्री मंगल पांडे का पुतला दहन कर अपनी नाराजगी जाहिर की। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार ब्लड डोनर एसोसिएशन के प्रमुख सदस्य अभिषेक कुमार झा ने किया, जो पिछले 15 दिनों से गया जिले में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए थे।

 

विरोध की जड़ें:

अभिषेक कुमार झा ने कहा कि इस आंदोलन का मुख्य कारण स्वास्थ्य विभाग की उन मांगों की अनदेखी है, जो ब्लड डोनर एसोसिएशन द्वारा बार-बार उठाई गई हैं। संगठन के सदस्यों का कहना है कि पिछले 15 दिनों से धरना चल रहा है, लेकिन अब तक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इन मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। संगठन के सदस्यों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी हो सकता है, और हर जिले में मंत्री का पुतला दहन किया जाएगा।

 

मांगों की सूची:

बिहार ब्लड डोनर एसोसिएशन की मांगें निम्नलिखित हैं:

 

100 ml ब्लड बैग की उपलब्धता – संगठन का कहना है कि बिहार के सभी ब्लड बैंकों में 100 ml वाली ब्लड बैग्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यह सुविधा खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें छोटी मात्रा में रक्त की आवश्यकता होती है।

 

रक्तदाता कार्ड की मान्यता  – संगठन की दूसरी मांग है कि रक्तदाता द्वारा रक्तदान किए गए कार्ड की मान्यता दूसरे जिलों में भी सुनिश्चित की जाए। इस समय यह सुविधा केवल उसी जिले में मान्य है, जहां रक्तदान किया गया हो, जिससे रक्तदाताओं को असुविधा होती है।

 

रिप्लेसमेंट मूल्य में एकरूपता – संगठन का मानना है कि जब पूरे बिहार में एक ही संस्था ब्लड बैंकों को रेगुलेट करती है, तो ब्लड रिप्लेसमेंट की कीमतों में एकरूपता लाई जानी चाहिए। वर्तमान में, विभिन्न ब्लड बैंकों में अलग-अलग दरें लागू हैं, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है।

 

ब्लड बैंकों में अनियमितता पर कार्रवाई  – संगठन ने उन ब्लड बैंकों पर भी कार्रवाई की मांग की है, जो एक नेगेटिव ब्लड के बदले दो पॉजिटिव ब्लड की मांग करते हैं। यह ब्लड बैंकिंग के नियमों के खिलाफ है और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

 

रिफ्रेशमेंट की राशि में वृद्धि  – रक्तदाताओं को मिलने वाली रिफ्रेशमेंट की राशि ₹25 से बढ़ाकर ₹200 करने की मांग की गई है। संगठन का कहना है कि रक्तदान के बाद रक्तदाताओं की सेहत का ध्यान रखते हुए यह राशि बढ़ाई जानी चाहिए।

 

SDP मशीनों का संचालन  – संगठन ने सरकारी ब्लड बैंकों में SDP (Single Donor Platelet) मशीनों को सुचारू रूप से चालू करने की मांग की है। यह मशीनें प्लेटलेट्स की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन वर्तमान में इनमें से कई मशीनें बंद पड़ी हैं।

 

आंदोलन का भविष्य:

अभिषेक कुमार झा और उनके साथियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन और तेज हो जाएगा और पूरे बिहार में फैल जाएगा।

 

इस स्थिति में राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो गया है कि वे किस प्रकार इस बढ़ते विरोध का सामना करेंगे और रक्तदाताओं की मांगों को पूरा करेंगे।

 

एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ उनके हक के लिए है, और वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। दरभंगा में पुतला दहन के इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब यह संघर्ष अपने चरम पर है।

 

यदि इस मामले में सरकार ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो राज्यभर में रक्तदान से जुड़े लोग इस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं, जिससे हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस आंदोलन को कैसे संभालती है और रक्तदाताओं की मांगों को कैसे पूरा करती है।

मौके पर मनीष कुमार ,कार्तिक कुमार भरत चौधरी ,अर्जुन कुमार ,बबलू सिंह, गौतम कुमार झा , शिवमोहन झा , माया भाई इत्यादि उपस्थित थे ।

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