• सामाजिक न्याय के आंदोलन में भाकपा(माले) ने जताई सहभागिता  !! आरक्षण के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ बर्दास्त नही किया जायेगा : माले 

सामाजिक न्याय के आंदोलन में भाकपा(माले) ने जताई सहभागिता

 

आरक्षण के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ बर्दास्त नही किया जायेगा : माले

 

दरभंगा  एससी–एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ आज संपूर्ण दलित संगठनों के आह्वान पर आयोजित भारत बंद के समर्थन में भाकपा(माले) ने भी अपनी सहभागिता जताई।

भारत बंद के समर्थन में लहेरियासराय पोलो मैदान से जुलूस निकाला गया।जो समाहरणालय होते हुए लहेरियासराय टावर पर जाकर भारत बंद के समर्थक विभिन्न समूहों के साथ ऐकमेक हो गया।

 

इस अवसर पर राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, प्रो. राम बाबू आर्य, समीर कुमार, प्रिंस राज, शिवन यादव, अवधेश सिंह, उमेश साह, हरी पासवान, कामेश्वर पासवान, शनिचर पासवान, मोहम्मद मुर्तुजा, मो. शौकत सहित कई लोग जुलूस में शामिल थे।

 

मौके पर नेताओं ने समवेत स्वर में कहा कि मोदी सरकार पिछले दरवाजे से आरक्षण को खत्म करना चाहती है। यह दलितों–वंचितों को आपस में उलझा कर आरक्षण पर चोट करने की राजनीति है। यदि आप दलितों में पीछे छूट गई जातियों का उत्थान चाहते हैं तो आजतक कोई कार्ययोजना क्यों नहीं बनाई गई? यह सवाल सुप्रीम कोर्ट से भी है कि हर वर्ष सैकड़ों सफाई कर्मचारी सीवर में अपनी जान गंवा देते हैं। क्या कभी उनके जीवन की सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई की गई? किसी राज्य सरकार को इस कार्य से जुड़े दलितों के लिए जरूरी उपकरण, मुआवजा आदि के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है? कोलेजियम सिस्टम पर आधारित न्यायपालिका की यह वास्तविकता है। माले स्पष्टता से कहना चाहती है कि दलितों के अतिवंचित हिस्से की पहचान के लिए सामाजिक–आर्थिक सर्वे हो। तदनुरूप सरकार उनका उत्थान और विकास सुनिश्चित करे। इसके लिए आरक्षण से छेड़छाड़ करने की जरूरत नहीं है। आरक्षण खत्म करने एवं दलितों में फूट डालने की साजिश का हम खुल कर विरोध करते हैं। हम आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की मांग करते हैं।

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