कोरोना वायरस से बचाव के लिए नेपाल से सटे जिलों के सीमावर्ती पंचायतों में ग्राम सभा बैठक आयोजित करने के निर्देश
• पंचायती राज विभाग के अपर सचिव ने दिया निर्देश
• संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी को कोरोना वायरस की जानकारी आमजन तक पहुंचाने का दिया निर्देश
• सिविल सर्जन कोरोना वायरस से संबंधित एसओपी करेंगे वितरित
दरभंगा. चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस अब नेपाल में भी दस्तक दे चुका है. इससे बिहार में भी इस वायरस के फैलने की संभावना बढ़ गयी है. इसे ध्यान में रखते हुए पंचायती राज विभाग के अपर सचिव हरेंद्र नाथ दुबे ने नेपाल से सटे बिहार के जिलों के डीएम को पत्र लिखकर कोरोना वायरस से बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किया है.
इन जिलों को दिए गए निर्देश:
नेपाल में कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद बिहार सरकार भी सतर्क हो चुकी है. इसको लेकर नेपाल से सटे बिहार के जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें दरभंगा के साथ पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज एवं अररिया जिले को निर्देश दिए गए हैं.
सीमावर्ती पंचायतों में ग्राम सभा आयोजित करने के निर्देश:
पत्र के अनुसार नेपाल की सीमा से सटे सभी पंचायतों में विशेष ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया है. विभाग का कहना है कोरोना वायरस का प्रकोप नेपाल देश में हो चुका है. इसके मद्देनजर नेपाल देश से खुली सीमा पर विशेष चौकसी बरतने की जरूरत है. भारत के नागरिक प्रतिदिन दैनिक कार्य हेतु नेपाल आते- जाते रहते हैं. इससे कोरोना वायरस से संक्रमण की संभावना बढ़ गई है. आशंका है कि ग्रसित व्यक्ति भारत में प्रवेश कर यहां के नागरिकों को संक्रमित कर सकता है.
सप्ताह में एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन:
अपर सचिव ने नेपाल से सटे जिले के पंचायत में इसी सप्ताह एक विशेष ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने को कहा है. बैठक में उस प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा की उपस्थिति होने की बात बताई है. चिकित्सा पदाधिकारी को कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में आमजन को जागरूक व जानकारी दो जानकारी देनी है.
सीएस एसओपी तैयार कर ग्राम सभा में करेंगे वितरित:
अपर सचिव ने संबंधित जिलों के सीएस को कोरोना वायरस से बचाव को लेकर एसओपी तैयार कराकर ग्राम सभाओं में वितरित वितरित कराने का निर्देश दिया है. जिसमें कोरोना वायरस के लक्षण एवं इससे बचाव की विस्तृत जानकारी छपी हो. साथ ही किसी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान होने पर उन्हें क्या कार्यवाही करनी है, किससे संपर्क करना है, किस अस्पताल में भेजना है एवं उस अस्पताल के प्रभारी का मोबाइल नंबर क्या है इत्यादि जानकारी भी एसओपी में शामिल करने की बात कही गयी है.
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