United Forum of Bank Union के आह्वान पर दरभंगा जिला के बैंककर्मियों ने द्विदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल 31 जनवरी एवं 1फरवरी 2020 के पहले दिन दरभंगा टावर से रैली निकाली ।

हड़ताली बैंककर्मी अपने मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए आकाशवाणी रोड दरभंगा के सामने सभा में तब्दील हो गई । सभा की अध्यक्षता अजित कुमार सिंह तथा संचालन आनन्द मोहन दास ने की । आज के रैली में युवा बैंककर्मी की शत-प्रतिशत भागीदारी रही तथा महिला बैंककर्मियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । वक्ताओं ने 11 वें द्विपक्षीय वेतन समझौता 20% की बढ़ोत्तरी पे स्लीप कम्पोनेन्ट के आधार पर शिघ्र करने , बैंक मे 5 दिन का सप्ताह घोषित करने , पेंशन अपडेशन करने , फैमिली पेंशन मे सुधार , स्पेशल एलावेन्स को बेसिक वेतन में मर्ज करने , NPS पर रोक लगाने, बैंक के परिचालन लाभ मे से स्टाफ वेलफेयर के लिए आवंटन करने , सेवान्त लाभ को आयकर से मुक्त करने, शाखा/कार्यालय में व्यवसाय अवधि व लन्च अवधि परिभाषित करने, अधिकारियों के कार्य अवधि को परिभाषित करने , लीभ बैंक इन्ट्रोडक्सन करने , अनुबंधित कर्मचारियों को समान काम के लिए समान मजदूरी भुगतान की माँग को लेकर विस्तार से जानकारी दी । सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार के मजदूर विरोधी रवैया के कारण ही वेतन समझौता मे विलम्ब हो रहा है । भारत सरकार ने 12 जनवरी 2016 को आई० बी० ए० के सभी एसोसिएट बैंक मैनेजमेंट तथा आई० बी० ए० को निर्देश दिया कि 11 वां वेतन समझौता शिघ्र सम्पादित किया जाय ताकि 01-11-2017 से बैंक कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतन का भुगतान किया जा सके । लेकिन विडम्बना है कि इसके लिए कोई पत्र भारत सरकार ने जारी नही की । बैककर्मियों मे एक भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई कि सरकार तो वेतन पुनरीक्षित करना चाहती है , बैंक के नेता ही नही चाहते । आई० बी० ए० ने मई 2018 के पूर्व कोई पहल नहीं की । मई 2018 के बाद मात्र 2% वेतन बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव देकर बैंकस्टाफ के साथ क्रूर मजाक किया जबकि दसवां वेतन समझौता 15% वृद्धि कर भारत सरकार ने क्लियर किया था । विगत पाँच वर्ष में मँहगाई चरम पर पहुँच गई है एसी परिस्थिति में आई० बी० ए० का प्रस्ताव कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है । विगत 30 महिना मे कई दौर में यूनियन की वार्ता हुई और अन्तिम प्रस्ताव 12.25% का आया जिसे यूनियन ने ठूकरा दिया । बैंक मे स्टाफ का घोर कमी है , सभी संवर्गों मे भैकेन्सी रहने के बाबजूद आपेक्षित नई बहाली नही की जा रही है फलतः कार्यरत कर्मचारी , अधिकारी पर काम का अत्यधिक बोझ है । बिमार बैंक स्टाफ की संख्या मे दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है । स्टाफ कमी के कारण ग्राहकों को सुविधा नही मिल रही है , इसके लिए भी कोपभाजन बैंककर्मियों को ही होना पर रहा है । बैंक का घाटे में रहने का कारण बैंक स्टाफ को बताया जाता है जबकि सच्चाई कुछ और है । आज एक भी बैंक घाटा मे नही है , सभी बैंकों का ऑपरेटिंग प्रोफिट मे लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन लाभ का अधिकांश हिस्सा बड़े बड़े कॉरपोरेटरों द्वारा ली गई ऋण जो सरकार और बैंक के उच्चाधिकारियों के मिलीभगत से दिया जाता है के, वसूली नही होने के कारण ऐसे ऋण खाताओं के लिए प्रोभीजन करने के चलते ही बैंक को नुकसान उठाना पड़ रहा है । यूनियन ऐसे ऋणियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की माँग करती रही है लेकिन सरकार ऐसे ऋणी से ऋण वसूली की कोई ठोस कार्रवाई नही कर रही है । बैंक अधिकारी के तो काम करने की कोई समय सीमा नही है । बैंक मे आने का तो समय निर्धारित है लेकिन उनके जाने का कोई समय नही । यहाँ तक कि छुट्टी के दिनों में भी काम करने को मजबूर किया जा रहा है । आज पेंशन देनेवाला कोई भी ऐसी संस्था नही जहाँ पेंशन का अपडेशन न होता हो चाहे केन्द्र सरकार, राज्य सरकार या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया । लेकिन इकलौता बैंक ही है जहाँ आज तक पेंशन का अपडेशन नही हुआ । आज की सफल हड़ताल के लिए सभी साथियों को धन्यवाद दिया तथा कल के हड़ताल को पूर्ण सफल करना है । भारत सरकार को स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि बैंक स्टाफ अब अपने जायज माँगों को हासिल करने के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने को तैयार है । सभा को संबोधित करनेबालों मे प्रदीप कुमार मिश्र , अजीत कुमार सिंह, आनन्द मोहन दास , सरोज कुमार सिंह, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, रमन कान्त मिश्र, नागेंद्र सिंह थे । कल 1-2-2020 को दरभंगा टावर से रैली शहर के विभिन्न मार्गों से निकलते हुए दरभंगा समाहरणालय पहुंचकर श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा ।
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