‘सामाजिक एवं सांस्कृतिक उन्नयन में कवि कोकिल विद्यापति की रचनाएं अहम हैं’

सामाजिक एवं सांस्कृतिक उन्नयन में कवि कोकिल विद्यापति की रचनाओं की भूमिका अहम है। उनके कृत्य को जीवंत बनाए रखने की दिशा में विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय एवं अनुकरणीय हैं। मिथिला में सांस्कृतिक उन्नयन के लिए मिथिला विभूति पर्व समारोह से बेहतर कार्यक्रम की बस कल्पना ही की जा सकती है, उसे साकार करना करना इतना आसान नहीं है। इसे साकार करने में डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू के प्रयासों की जितनी सराहना की जाए वह कम है। यह बात 52 वें मिथिला विभूति पर्व समारोह के तीसरे दिन का उद्घाटन करते हुए विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने शुक्रवार को कही। उन्होंने कहा कि विद्यापति एक मात्र व्यक्ति हैं जिनका सम्मान सिर्फ मिथिलावासी ही नहीं पूरे देश और विश्व के लोग करते हैं।
अलीनगर के विधायक डा मिश्री लाल यादव ने कहा कि विश्व भर में मिथिला की सांस्कृतिक ललक जगाने में बैद्यनाथ चौधरी बैजू का अहम योगदान रहा है। आज मखान मिथिला की आर्थिक उन्नति का माध्यम बन रहा है। एम्स का निर्माण होने से स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसका समृद्ध होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मिथिला राज्य भी बनेगा, जब मैथिली संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल हो गई है तो एक दिन यह भी दिन आएगा। लेकिन इसके लिए एकता और एकजुटता अहम है।
हायाघाट के विधायक डा रायचंद प्रसाद ने इस कार्यक्रम के लिए विद्यापति सेवा संस्थान की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधान पार्षद प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने की। अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने इस सांस्कृतिक महाकुंभ को मिथिला की धरोहर संस्कृति एवं संस्कार के संरक्षण एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण बताते हुए इस तरह के आयोजन से युवाओं के जुड़ने का आह्वान किया।
इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि जितने भी अतिथि इस मंच पर आते हैं वह माता जानकी, मां मैथिली एवं कवि विद्यापति के सम्मान में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। साथ-साथ मिथिला एवं मैथिली के सम्मान को भी प्रदर्शित करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के उद्गार से मैथिली एवं मां जानकी के प्रति जो श्रद्धा निवेदित होता है वही मैथिली की ताकत है।
कार्यक्रम में सृष्टि फाउंडेशन एवं नटराज डांस एकेडमी के बच्चों ने बहुत ही मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन अपने निराले अंदाज में मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पंडित कमलाकांत झा ने किया।
तीसरे दिन के आयोजन में चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आयुर्वेदाचार्य डॉ सौरभ शर्मा, डॉ जितेंद्र ठाकुर एवं डॉ नागेंद्र यादव को, लोक गायन के क्षेत्र में केदारनाथ कुमर को मिथिला विभूति सम्मान प्रदान किया गया। इसके साथ ही संतोष दत्त झा को मिथिला गौरव सम्मान प्रदान किया गया। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का दौर चला।
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